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मर्डर केस : ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील को रिमांड पर सौंपा - Sabguru News
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मर्डर केस : ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील को रिमांड पर सौंपा

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मर्डर केस : ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील को रिमांड पर सौंपा

नई दिल्ली। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में फरार चल रहे ओलम्पिक रजत विजेता पहलवान सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब 20 दिन बाद सुशील कुमार और उसके साथी अजय बक्करवाला को दिल्ली के ही मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सुशील को रोहिणी कोर्ट में पेशकर 12 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन अदालत ने सुशील को छह दिन की पुलिस हिरासत में दिया है।

पुलिस ने करीब आधे घंटे तक सुशील से अदालत में पूछताछ करने के बाद 12 दिन की हिरासत मांगी थी लेकिन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने सुशील को छह दिन के लिए पुलिस हिरासत दी है। अदालत की कार्यवाही के दौरान सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील से पुलिस हिरासत में पूछताछ यह जानने के लिए जरूरी है कि इस हत्याकांड के पीछे का पूरा षड़यंत्र और उद्देश्य क्या था।

दोनों आरोपी चार मई को देर रात हुई घटना के बाद से फरार थे। 38 वर्ष के पहलवान सुशील पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था जबकि अजय पर 50 हजार का इनाम था।

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि इंस्पेक्टर शिवकुमार और इंस्पेक्टर कर्मबीर के नेतृत्व वाली स्पेशल सेल की टीम ने सुशील और अजय (48) को यहां मुंडका से गिरफ़्तार किया है। इस टीम को एसीपी अत्तर सिंह सुपरवाइज कर रहे थे।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि 23 वर्षीय सागर राणा की हत्या के मामले में दोनों उक्त आरोपियों को रविवार सुबह दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया गया है। इंस्पेक्टर शिवकुमार के निर्देशन में स्पेशल सेल की टीम ने दोनों वांछित लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पहलवान सुशील कुमार और उसके साथ अजय उर्फ सुनील के रूप में हुई।

इससे पहले, सुशील कुमार की तलाश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के अलावा यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और अब पंजाब में ताबड़तोड़ छापेमारी की। दिल्ली में कई ठिकानों पर पुलिस ने छापा मारा लेकिन सुशील का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस को सबसे पहले सुशील के उत्तराखंड जाने की जानकारी मिली थी। उसके बाद से पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए पांच राज्यों में दबिश दे रही थी।

शनिवार को भी सूचना आ रही थी कि दिल्ली पुलिस ने सुशील को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी की बात से इनकार कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात दिल्ली के मॉडल टॉउन थाने के इलाके में पहलवान सुशील और उसके साथियों ने एक फ्लैट से सागर और उसके दोस्तों का अपहरण किया। फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। इसमें सागर बुरी तरह घायल हो गया था। इलाज के दौरान सागर की मौत हो गई थी।

वारदात के बाद पुलिस को स्टेडियम का एक सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगा है। सीसीटीवी फुटेज में सुशील 20-25 पहलवानों और असौदा गिरोह के बदमाशों के साथ सागर धनखड़ और दो अन्य को पीटता दिखा है। सभी लोग सागर को लात-घूंसों, डंडों, बैट व हॉकी से मारते दिख रहे हैं। फुटेज में सुशील सागर व दो अन्य पीड़ितों पर हॉकी चलाता भी दिखा है। सभी पहलवान और बदमाश स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में कैद हैं।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 20 से 25 लोगों ने सागर व दो अन्य को अधमरा होने तक पीटा था। फुटेज से पता लग रहा है कि पीड़ितों को बुरी तरह से पीटा गया। उनके मुताबिक, सुशील के साथ असौदा गिरोह के बदमाश और कुछ पहलवान भी थे।

गिरफ्तारी के बाद सुशील ने पुलिस पूछताछ में बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने कई रातें सड़क के किनारे गाड़ी में ही बिताई थीं। सुशील ने अपना मोबाइल भी बंद कर रखा था। सुशील ने बताया कि हत्या वाली रात वह दिल्ली हरिद्वार हाईवे पर स्थित मेरठ टोल प्लाजा से निकला था। इसके बाद वह तीसरे दिन भी इसी टोल प्लाजा से निकला था लेकिन जब पुलिस का शिकंजा कसा जाने लगा तो उसने हाईवे से निकलना बंद कर दिया और वह राज्यमार्गों से भाग जाने की फिराक में था।

सुशील देश के लगातार दो ओलम्पिक में पदक जीतने वाला एकमात्र खिलाड़ी है। सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक और 2012 के लंदन ओलम्पिक में रजत पदक जीता था। वह 2010 में विश्व चैंपियन भी रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेल 2010, 2014 और 2018 में उन्होंने लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने गत 18 मई को रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी थी।