कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बगावती तेवर अपना रहे वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ कोलकाता में आयोजित की गयी महारैली में कहा कि वर्तमान सरकार के शासनकाल में लोकतंत्र खतरे में है।
सिन्हा ने शनिवार को विपक्ष के नेताओं की इस महारैली में जनता को संबोधित करते हुए कहा, “भाजपा नेता कहेंगे कि हम लोग यहां प्रधानमंत्री मोदी को हटाने के लिए इकट्ठा हुए हैं लेकिन यह रैली प्रधानमंत्री मोदी को हटाने के लिए नहीं बल्कि एक मानसिकता की मुखालफत करने के लिए हैं। हम यहां लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “ मुझे केवल एक लड़ाई लड़नी है, वह है केंद्र से भाजपा को हटाने की लड़ाई। भाजपा ने ‘सबका साथ- सबका विकास’ का नारा दिया। उन्होंने सबका समर्थन तो लिया लेकिन इसके बदले सभी को बर्बाद कर दिया।”
सिन्हा ने कहा, “ यह पहली सरकार है जो आंकड़ों और तथ्यों के साथ खिलवाड़ करने से भी गुरेज नहीं कर रही। सरकार का विरोध करने वाले राष्ट्र विरोधी नहीं हैं।” उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर कहा, “ मैंने पहले भी कहा है कि कश्मीर में समस्याओं का समाधान गोली के जरिए नहीं बल्कि बातचीत से करना चाहिए।”
भाजपा के पूर्व नेता अरुण शौरी ने महारैली को संबोधित करते हुए कहा, “ किसी अन्य सरकार ने इतना झूठ नहीं बोला। संस्थानों का ह्रास करने की कोशिश भी इस तरह से पहले कभी नहीं की गयी। किसी अन्य सरकार ने नोटबंदी जैसा मूर्खतापूर्ण निर्णय नहीं लिया। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन ठीक से नहीं किया गया।”
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “ मैं इस महारैली में देख रहा हूं कि 22 दलों का इंद्रधनुष संकट के घने बादलों को हटा रहा है। बादल छंट रहे हैं। राजनीतिक दलों का इंद्रधनुष बन रहा है। गठबंधन का समय आ गया है।” उन्होंने कहा, “ वोटों के बंटवारे से केवल भाजपा को फायदा होगा। इस रैली का उद्देश्य वोटों के बंटवारे को रोकना है। जब भी ऐसा होता है तो हमें इसका फायदा मिलता है।”
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ‘यूनाइटेड इंडिया’ रैली में कहा, “ यह सभा भारत के संविधान को बचाने के लिए हो रही है। हम सब मिलकर इसे बचा सकते हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गोरे लोगों के खिलाफ लड़ाई लड़ी ताकि हम चोरों से लड़ सकें।”
उन्होंने कहा, “दीदी युवाओं और देश के संविधान के लिए लड़ाई लड़ने के लिए आपका धन्यवाद।” गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा, “ देश अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। ‘महागठबंधन’ भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की हार को सुनिश्चित करेगा।” झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने कहा, “देश को जिस ढ़ंग से चलाया जा रहा है वह राष्ट्र के लिए खतरा है। सभी विपक्षी दल नफरत की राजनीति के खिलाफ हैं।”
हाल ही में भाजपा छोड़ने वाले अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा, “पिछले चार वर्ष भारतीय राजनीति के लिए परीक्षा का समय रहे हैं।”
जोरम नेशनलिस्ट पार्टी के नेता पु. लालदुहोमा ने कहा,“इस सरकार के शासनकाल में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। नागरिकता विधेयक को वापस लेना चाहिए या पूर्वोत्तर को इस विधेयक के दायरे से बाहर किया जाए।” राष्ट्रीय लोक दल नेता जयंत चौधरी ने कहा, “ममता दीदी ने दिखा दिया कि बंगाल आज जो सोचता है वह देश कल सोचेगा।”