नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी से हाल ही में अलग हुए वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा कर्नाटक में एक नाटकीय घटनाक्रम में बीएस येद्दियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ आज यहां राष्ट्रपति भवन के सामने धरने पर बैठ गए।
धरने पर बैठने के बाद सिन्हा टि्वट कर कहा कि बीजेपी द्वारा कर्नाटक में असंवैधानिक तरीके से जो सरकार बनाई गई है उसके खिलाफ मैं राष्ट्रपति भवन के सामने धरने पर बैठा हूं आप सभी से अनुरोध है कि लोकतंत्र बचाने के लिए मेरे साथ आइए।
सिन्हा शाम करीब चार बजे अपने समर्थकों के साथ राष्ट्रपति भवन के सामने विजय चौक आए और वहां घास के मैदान में धरने पर बैठ गए।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद वहां दो दिन से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम और जोड़ तोड़ तथा तिकड़म की घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा पहले सत्ता के लिए लोलुप नहीं रही और सत्ता को ठुकराती थी लेकिन आज इस की पहचान एक सत्ता लाेलुप पार्टी की बन गई है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा को वहां सरकार बनाने का न्यौता दिया गया है उससे ऐसा लगता है कि एक नई इंडियन प्रमियर लीग (आईपीएल)शुरू हो गई है जिसमें सांसद और विधायकों की बोली लगाई जाएगी।
इससे पहले सुबह भी उन्होंने एक ट्विट में लाेकतंत्र के विनाश का प्रयास करने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए कहा था कि सत्तारूढ़ पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में इसी प्रकरण काे दाेहराएगी। उन्होंने कहा था कि आज कर्नाटक में जाे हो रहा है वह एक अभ्यास है और इसे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावाें के बाद दिल्ली में दाेहराया जाएगा।
उन्होंने पार्टी छोड़ने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे बहुत ही खुशी है कि मैनें यह पार्टी छोड़ दी है जो बहुत ही ढिठाई से कर्नाटक में लोकतंत्र का विनाश कर रही है। अगले साल लोकसभा चुनावों में अगर भाजपा बहुमत हासिल करने में नाकाम रहती है तो वह इसी प्रकरण को दाेहराएगी। कृपया मेरी इस चेतावनी को नोट करिएगा।
गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने बहुमत के आंकडे 112 से पीछे रहने के बावजूद भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा काे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के 222 घोषित नतीजों में से भाजपा को 104 सीटें और कांग्रेस को 78 तथा जनता दल(सेक्युलर) को 37 सीटें मिली हैं।
कांग्रेस और जद (एस) ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने भाजपा को सबसे बडी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का न्यौता दिया। येद्दियुरप्पा ने आज सुबह ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्यपाल ने उन्हें सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।