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लखीमपुर के यतीश चन्द्र शुक्ला ने लगातार पढ़ने का रचा कीर्तिमान - Sabguru News
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लखीमपुर के यतीश चन्द्र शुक्ला ने लगातार पढ़ने का रचा कीर्तिमान

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लखीमपुर के यतीश चन्द्र शुक्ला ने लगातार पढ़ने का रचा कीर्तिमान

लखीमपुर। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर के यतीश चन्द्र शुक्ला ने लगातार 28 घंटे काव्य पाठ कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है।

कोतवाली क्षेत्र में आवास विकास कालोनी निवासी 36 वर्षीय शिक्षक ने शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे श्रीमदभागवत पुराण का पाठ शुरू किया था जो रविवार को अपरान्ह 1230 बजे समाप्त हुआ। एक स्थान पर बैठकर बगैर रूके 28 घंटे पढ़ने का यह नया कीर्तिमान है जो गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया। इससे पहले यह कीर्तिमान कानपुर के अलाउद्दीन के नाम दर्ज था जिन्होने जीव विज्ञान विषय पर एक ही स्थान पर बैठकर 27 घंटे दो मिनट का भाषण दिया था।

यतीश की इस उपलब्धि को परखने के लिए गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड के प्रतिनिधि के तौर पर भारत में अमरीकी संस्था के प्रमुख आलोक कुमार मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पाठ्य मैराथन का कीर्तिमान बनाना आसान है लेकिन बगैर रूके यह उपलब्धि हासिल करना बेहद मुश्किल है क्योंकि इसमें खाना पीना यहां तक कि वाश रूम जाने की भी इजाजत नहीं होती। एक स्थान पर बैठकर लगातार पढ़ना एक मुश्किल लक्ष्य था जो मुमकिन हो सका।

इस बारे में यतीश ने कहा कि योग के नियमित अभ्यास और महामृत्युंजय के जाप से मैं इस मुश्किल लक्ष्य को पा सका। मेरा मकसद कीर्तिमान बनाना नहीं बल्कि उन युवा विद्यार्थियों को प्रेरित करना है कि किस तरह से वे अपने शरीर में विद्यमान ऊर्जा का भरपूर इस्तेमाल कर सकते हैं।

मैं प्रतिदिन 45 मिनट योगाभ्यास और एक घंटा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता हूं। महामृत्युंजय शरीर में ऊर्जा का संचार करने की एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसे अमेरिका जैसा समृद्धशाली देश भी मान्यता दे चुका है वहीं योग के जरिये शरीर में मौजूद वसा,प्रोटीन और अन्य अवयवों को संंतुलित रखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और युवा अगर इन पद्धतियों को अपनाए तो वे अपनी ऊर्जा का भरपूर इस्तेमाल कर न सिर्फ अपना करियर बेहतर कर सकते हैं बल्कि देश के विकास में भी भरपूर मदद कर सकते हैं।

यतीश इससे पहले चार से 10 जून 2018 को गोरखपुर में लगातार 148 घंटे 14 मिनट 13 सेकेंड पढने का विश्व कीर्तिमान बना चुके है। उन्होने कहा कि गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में बगैर रूके पढने की कोई श्रेणी नहीं है। लगातार पढने के दरम्यान प्रतियोगी को हर घंटे में पांच मिनट का ब्रेक दिया जाता है। इसलिए मैने गोल्डन बुक को इस कीर्तिमान को परखने के लिए आमंत्रित किया।