नई दिल्ली। केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्द्धन राठौर ने मीडिया के एक वर्ग की यह कहते हुए आलोचना की है कि वह निस्संकोच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मजाक उडाने के एजेन्डा में शामिल हो रहा है और उन्हें हैरानी है कि क्या देश इस तरह की भ्रामक खबरों पर विश्वास करेगा।
एक हिन्दी समाचार चैनल द्वारा दिखाई गई जा रही एक खबर पर टि्वट करते हुए राठौर ने लिखा है कि ये कैसी पत्रकारिता है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ गलत अफवाहें फैलाकर देश को गुमराह करना जिम्मेदार पत्रकारिता के मूल्यों के खिलाफ है। कुछ पत्रकारों का एजेन्डा पहले बनता है, खबर बाद में। इस तरह की भ्रामक खबरों के बाद क्या देश इन पर विश्वास करेगा।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि कुछ मीडिया समूह निस्संकोच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मजाक उडाने के एजेन्डे में शामिल हो रहे हैं। निंदनीय। छत्तीसगढ की महिला किसान ने इन मीडिया रिपोर्टों का दावा खारिज कर दिया है।
उन्होंने इस महिला किसान के खंडन से संबंधित खबर का लिंक भी टि्वटर पर साझा किया है। इस खबर में महिला किसान ने उन बातों का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में किसानों के साथ संवाद के एक कार्यक्रम में उसकी कहानी को गलत रूप में पेश किया है।
इन खबरों में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ के कांकेर जिले की महिला किसान चंद्रमणि कौशिक की सफलता की कहानी तथ्यों से हटकर गढी है। महिला ने आरोप लगाया है कि पत्रकारों ने उसके शब्दों का ‘तोड मरोड़’ कर तथा अपनी सहूलियत से इस्तेमाल किया है।