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'Yoga goes beyond caste and creed': Narendra Modi leads international yoga day event in ranchi-योग सरहद से परे और सबका है : प्रधानमंत्री मोदी - Sabguru News
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योग सरहद से परे और सबका है : प्रधानमंत्री मोदी

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योग सरहद से परे और सबका है : प्रधानमंत्री मोदी

रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कहा कि योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत-पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत तथा सरहद के भेद से परे सबका है और सब के लिए है।

मोदी ने प्रभात तारा मैदान में पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर करीब 40000 लोगों के साथ योगाभ्यास करने से पहले लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि योग सभी सीमाओं से परे है। योग सब का है और सब के लिए है। मैंने कहा कि जब हम आधा घंटा योग करते हैं तो वही योग नहीं है। योग अनुशासन है, समर्पण है, इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज योग ड्राइंग रूम से बोर्डरूम तक, शहरों के पार्क से लेकर स्पोर्ट्स कंपलेक्स तक पहुंच गया है। आज गली-कूचे से वेलनेस सेंटर्स तक चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के बदलते हुए समय में बीमारी से बचाव के साथ-साथ वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है। यही शक्ति हमें योग से मिलती है। यही भावना योग और पुरातन भारतीय दर्शन की है ।

मोदी ने कहा कि अब उन्हें आधुनिक युग की यात्रा को शहर से गांव की ओर, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाते हैं। बीमारी गरीब को और गरीब बना देती है इसलिए उन्हें योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना है ताकि वह आरोग्य और समृद्ध हो सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब देश में गरीबी कम होने की रफ्तार बढ़ी है। लोग गरीबी से बाहर निकल रहे हैं तब योग इसमें बड़ा माध्यम बन सकता है। गरीबी और बीमारी से योग हमें बचा सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सुविधाओं से जीवन आसान नहीं बनता है और न बीमारी से बचाव के लिए दवाइयां ही पर्याप्त हैं।

मोदी ने कहा कि पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रांची आने की तीन बड़ी वजह है, एक झारखंड वन प्रदेश है जहां प्रकृति की गोद में योग करने का अनुभव अलग होता है। दूसरी वजह है कि सितंबर में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत उन्होंने रांची से ही की थी और तीसरी सबसे बड़ी वजह है यहां के आदिवासी। उन्होंने कहा कि आदिवासी जो छऊ नृत्य करते हैं उसमें भी योग के कई आसन का इस्तेमाल होता है।