नई दिल्ली। दिल्ली में अपना खोया आधार फिर से हासिल करने में जुटी कांग्रेस को शनिवार को उस समय बड़ा धक्का लगा जब उसके वरिष्ठ कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री योगानंद शास्त्री ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शास्त्री ने इस्तीफा देने से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा पर गंभीर आरोप भी लगाए। शास्त्री ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष किसी का सम्मान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन समाज सेवा के काम में लगे रहेंगे।
शास्त्री के इस्तीफे के संबंध में पूछे जाने पर चोपड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें अभी त्यागपत्र नहीं मिला है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने के शास्त्री के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वह पहले नेता थे जिन्होंने कहा था कि जो भी नेता पैसा मांगे, उसकी पिटाई कर देना।
शास्त्री ने चोपड़ा पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व ऐसे व्यक्ति के पास है जाे किसी का आदर नहीं करता है, और ऐसे लोगों से घिरा है जो विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने में संलिप्त हैं।