अभी तक मोदी सरकार के अधिकांश मंत्री बजट में लगे हुए थे ।खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक दिल्ली में एक भी चुनावी रैली नहीं की है ।दिल्ली में 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे जबकि 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे ।इससे पहले सभी दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है ।अब पीएम मोदी समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं ने दिल्ली में प्रचार के लिए कमर कस ली है ।आज गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिल्ली में बिहार और पूर्वांचल के लोगों को लुभाने के लिए संयुक्त रैली कर रहे हैं ।इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताबड़तोड़ तीन रैली आज करेंगे ।
3 फरवरी से पीएम मोदी करेंगे दिल्ली में ताबड़तोड़ रैली
दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है ।केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में एंट्री होने जा रही है ।पीएम मोदी तीन फरवरी को दिल्ली के कड़कड़डूमा के सीबीडी ग्राउंड में चुनावी रैली करेंगे ।विधानसभा चुनाव के एलान के बाद दिल्ली में पीएम मोदी की यह पहली चुनावी रैली है ।इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के सामने अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है, तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी सत्ता में काबिज होने की जुगत लगा रही हैं ।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी करेंगे चुनावी रैली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी दिल्ली में चुनावी रैली करेंगे ।राहुल गांधी 4 और 5 फरवरी को दो रैलियां कर दिल्ली चुनाव अभियान को धार देने का काम करेंगे ।दिल्ली में विधानसभा चुनाव उस समय हो रहे हैं, जब शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं ।शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को लेकर कांग्रेस पार्टी फूंक फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है ।
शाहीन बाग को लेकर भाजपा, आप और कांग्रेस में जारी है जंग
दिल्ली की चुनावी जंग में भी शाहीन बाग चर्चा में बना हुआ है ।भारतीय जनता पार्टी शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर आम आदमी पार्टी पर लगातार निशाना साध रही है ।गुरुवार को जामिया और शनिवार को शाहीन बाग में हुई फायरिंग को लेकर भी विपक्षी दल बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं ।विपक्षी दल इन फायरिंग के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं ।यहां हम आपको बता दें कि वर्ष 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 67 सीटें मिली थी, भारतीय जनता पार्टी को 3 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था । कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार