वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को ‘सशक्त भारत की तस्वीर’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व देश प्रचीन धार्मिक, सांस्कृतिक एवं परंपरा का वाहक बनने के साथ विकास की दौर में सबसे आगे बढ़कर नई ऊंचाईयां छू रहा है।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी के बड़ालालपुर में तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की तरह मोदी के अनुभव और प्रतिभा का लाभ देश होगा।
मुख्यमंत्री ने मोदी के नेतृत्व में काशी की प्राचीन धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान को बनाये रखते हुए भौतिक विकास किया गया है। साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में देश विकास के रास्ते पर चलकर दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
यूनेस्को द्वारा यहां के दुनिया के सबसे धर्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन ‘कुंभ’ को मान्यता मिली। कुंभ को वैश्विक मान्यता के साथ प्रयागराज में गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी में इस वर्ष मकर संक्राति पर करीब सवा दो करोड़ और पौष पूर्णिमा पर एक करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
उन्होंने कहा कि मोदी ने नौ जनवरी के भारतीय प्रवासी दिवस के अवसर पर आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन, कुंभ और 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर आयोजित भारत पर्व को जोड़ने का सफल प्रयास किया। सभी आयोजनों में शामिल करना भारतवंशियों के सम्मान का उन्होंने एक अनूठा तरीका अपनाया है।
योगी ने भारत की सांस्कृतिक गौरव और परंपरा का वाहक बनी उत्तर प्रदेश के काशी में प्रवासी सम्मेलन के सफल आयोजन सुनहरा अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री का हृदय से आभार प्रकट किया।
इससे पहले सम्मेलन के मुख्य अतिथि मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ अभिनंदन करते उन्होंने भारत के सांस्कृतिक एवं धार्मिक रिवाजों के जरिये सदियों से जुड़े आत्मीय संबंधों की चर्चा करते हुए हाल के वर्षों में उसे और मजबूत होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि वह मॉरिशस के 183वें प्रवासी सम्मेलन में भाग लेने गए थे। उस दौरान उन्हें वहां के गांवों में भी जाने का अवसर मिला था, जहां उन्होंने 185 वर्ष से रामायण की पोथी संरक्षित रखी हुई देखी। इस प्रकार से विपरीत परिस्थतियों में धार्मिक आस्था एवं यहां की संस्कृति को संजो कर रखना निश्चित तौर पर एक महान कार्य है।
इस अवसर पर मंच पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उनके सहयोगी राज्य मंत्री जरनल वीके सिंह, विदेश सचिव विजय गोखले और विदेश मंत्रालय में प्रवासी मामलों के सचिव ज्ञानेश्वर मुले मौजूद थे। सम्मेलन का समापन बुधवार को होगा जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे और प्रवासी भारतीय सम्मान देंगे।