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Yogi Adityanath visits Padmashree 'Birha Samrat' Hira Lal Yadav's house, paid tribute-योगी आदित्यनाथ पहुंचे ‘बिरहा सम्राट’ हीरा लाल यादव के घर, दी श्रद्धांजलि - Sabguru News
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योगी आदित्यनाथ पहुंचे ‘बिरहा सम्राट’ हीरा लाल यादव के घर, दी श्रद्धांजलि

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योगी आदित्यनाथ पहुंचे ‘बिरहा सम्राट’ हीरा लाल यादव के घर, दी श्रद्धांजलि

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां ‘बिहरा सम्राट’ पद्मश्री हीरा लाल यादव के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।

योगी ने चौका घाट इलाके में हुलुकगंज स्थित पद्मश्री यादव के आवास पर उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

उन्होंने दिवंगत लोक गायक के बेटे रामजी यादव एवं सत्यनाराण यादव समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कुछ समय बैठकर अपनी संवेदानाएं प्रकट कीं। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री के साथ उनके सहयोगी मंत्री आशुतोष टंडन, विधि एवं न्याय राज्यमंत्री डॉ0 नीलकंठ तिवारी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भी दिवंगत बिरहा सम्राट को अपनी ओर से श्रद्धासुमन अर्पित किए।

पद्मश्री यादव का गत रविवार 12 मई को यहां निधन हो गया था। वह 83 वर्ष के थे। उनका जन्म सात मार्च 1936 में वाराणसी के हरहुआ क्षेत्र में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी श्यामा देवी, बेटे रामजी यादव, सत्यनाराण यादव समेत भरापूरा परिवार है।

उनके परिजनों ने बताया कि बिराहा सम्राट पीछले कई महीने से बीमार थे। कुछ दिन पहले हालत नाजुक होने पर उन्हें यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस वर्ष मार्च में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानि किया था। लोक गायकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान मिले थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014 में प्रतिष्ठित ‘यश भारती’ से सम्मानित किया था। संगीत नाटक अकादमी समेत अनेक सम्मान पाने का उन्हें गौरव हासिल है।

वर्ष 1962 में आकाशवाणी एवं फिर दूरदर्शन के जरिये उन्होंने लोक गीत को खास पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। भैंस चराने से लेकर पद्मश्री सम्मान हासिल करने का सफर तय करने वाले दिवंगत यादव के लोक गीतों के दीवाने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से लेकर बिहार के एक बड़े हिस्से तक फैले हुए हैं।