लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में बौद्ध संस्कृति, भाषा एवं साहित्य संकाय की स्थापना करने के निर्देश दिए हैं।
योगी ने कहा है कि संकाय को इण्टरनेशनल बुद्धिस्ट सेण्टर के रूप में विकसित किया जाए। संकाय में हिन्दुइज़्म, जैनिज़्म, प्राच्य भाषा और विदेशी भाषा के अध्ययन और शोध के केन्द्र भी स्थापित किये जाएं। प्राच्य भाषा केन्द्र के तहत संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, नेपाली तथा विदेशी भाषा के अन्तर्गत तिब्बती, सिंहली, जापानी, थाई एवं कोरियाई भाषा व साहित्य का अध्ययन एवं शोध का सुव्यवस्थित प्रबन्ध किया जाए और सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ले बुधवार रिपीट बुधवार शाम सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु को विकसित किए जाने के सम्बन्ध में आहूत बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार महात्मा बुद्ध की परम्परा से समृद्ध राज्य है। बुद्ध के जीवन की अधिकतर गतिविधियां यहीं पर घटित हुई थीं। इसलिए यहां पर बौद्ध संस्कृति, साहित्य एवं भाषा के अध्ययन से सम्बन्धित केन्द्र विकसित किये जाने चाहिए, जिससे लोगों को महात्मा बुद्ध के जन्म, जीवन, गतिविधियों तथा बौद्ध दर्शन के सम्बन्ध में पूरी जानकारी प्राप्त हो।
योगी ने कहा कि केन्द्रों के संचालन के लिए ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, जिन्हें अपने विषय का विशेष ज्ञान हो। साथ ही, उन्होंने सम्बन्धित विषयों में विशेष कार्य भी किया हो। उन्होंने कहा कि केन्द्र में अध्ययन एवं शोध के लिए आने वाले सभी देशी-विदेशी छात्र-छात्राओं को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।
उन्होंने कहा कि संकाय में विद्वानों और विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में महात्मा बुद्ध से सम्बन्धित स्थलों पर सेमिनार आयोजित किये जाएं। आवश्यकतानुसार नेपाल तथा देश और प्रदेश की राजधानी में भी सेमिनार आयोजित किये जाएं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र दुबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।