लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांग्रेस को प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति को स्वीकार कर लिया है।
सूबे के प्रमुख सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के इस बारे में लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए कहा कि 16 मई को लिखे गए पत्र के बारे में कहना है कि प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में आपके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। इसलिए अविलंब एक हजार बसों की सूची चालक और परिचालक के नाम पते के साथ उपलब्ध कराने का कष्ट करें जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।
इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश दफ्तर में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा माेना ने प्रेस कांफ्रेंस कर योगी सरकार पर मजदूरों के प्रति बेरूखी बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझ कर कांग्रेस को बसें चलाने की अनुमति नहीं दे रही है।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को पत्र लिखकर योगी सरकार से मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी थी जबकि रविवार को कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार ने 500 निजी और सरकारी बसें उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी कर दी थी। वाड्रा ने अलग अलग तीन ट्वीट कर प्रदेश सरकार से बसों को अनुमति देने की अपील की थी। देर शाम तक इंतजार करने के बाद बसें वापस चली गई थी।
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कांग्रेस पर प्रवासी श्रमिकों पर राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होने कहा था कि वैश्विक महामारी के समय कांग्रेस द्वारा की जा रही नकरात्मक एवं कुटिल राजनीति की निंदा की जानी चाहिए। कोरोना संकट में अगर कोई संस्था अथवा दल सहयोग देने में रूचि लेना चाहता है तथा प्रदेश सरकार को प्रवासी श्रमिकों और साधनों की सूची भेजेगा तो उन्हें अवश्य अनुमति मिलेगी और उसका स्वागत भी होगा।
उन्होंने कहा था कि औरैया में प्रवासी श्रमिकों की मौत के लिए जिम्मेदार एक ट्रक पंजाब और दूसरा राजस्थान से आया था और दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं। राजस्थान और पंजाब समेत जो भी सरकार प्रवासी श्रमिकों की सूची यूपी सरकार को उपलब्ध करा रही है, उस राज्य से उनकी सुरक्षित एवं सम्मानजनक वापसी के लिए श्रमिक एक्सप्रेस तथा अन्य सुरक्षित साधन लगाए गए हैं।