लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को परिवहन विभाग के कर्मचारियों के लिये सातवें वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा कर दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां सम्पन्न मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। इसके अलावा व्यावसायिक वाहनो की परमिट शुल्क बढाने और कुम्हारों के प्रोत्साहनो के लिये ‘माटी कला’ की स्थापना जैसे अहम फैसले लिये गये।
राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी भी अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ उठा सकेंगे। कर्मचारियों के लिये नया वेतनमान इस साल अप्रैल से लागू होगा हालांकि सरकार को अभी एक जनवरी 2016 से एरियर के बारे में फैसला लेना है। सरकार ने परिवहन विभाग के 587 पदों पर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी कर दे दी।
सिंह ने बताया कि व्यावसायिक वाहनो के परमिट शुल्क में करीब 27़ 34 फीसदी की बढोत्तरी की है। इससे राजस्व में 35 करोड़ रूपये की बढत होगी। मोटर कैब चालकों को अब 500 रूपये की बजाय 600 रूपये प्रति वर्ष चुकाने होंगे जबकि मिनी टैक्सी को 1000 रूपये की बजाय 1200 रूपये और ट्रक के लिये छह हजार की जगह अब 7500 रूपये देने होंगे।
उन्होने बताया कि 15 जुलाई से पालीथीन पर प्रतिबंध के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कुम्हारों और उनके व्यवसाय को बढावा देने के मकसद से यूपी माटी कला बोर्ड के गठन का फैसला किया है। खादी एवं ग्राम उद्योग के मंत्री बोर्ड के अध्यक्ष होंगे जबकि प्रमुख सचिव खादी के अलावा खनिज , समाज कल्याण वित्त विभाग से सदस्य होंगे। बोर्ड मिट्टी की उपलब्धता की नीति बनाने के साथ ही कारीगरों को सुविधा उपलब्ध कराना और विपणन की सुविधा उपलब्ध करायेगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि निजी औद्योगिक पार्को स्थापना के लिये प्रोत्साहन योजना के तहत भूमि क्रय के सर्किल रेट पर 50 प्रतिशत ब्याज के साथ सात साल के लिए छूट दी जाएगी। सरकार के एक और अहम निर्णय के अनुसार प्रदेश के 788 राजकीय इंटर कालेज में कम्प्यूटर टीचर प्रवक्ता पद का सृजन किया गया जिसके तहत कुल 130 प्रवक्ता रखे जाने का प्रस्ताव है। 20 हजार के मानदेय पर इन्हें आउट सोर्सिंग के माध्यम से रखा जाएगा। उन्होने बताया कि लोकतंत्र सेनानी की पेंशन को 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार किया गया। यह एक जुलाई से लागू होगी।