नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच कई राजनीतिक, सामाजिक संगठनों ने तीन मार्च को यंग इंडिया मार्च निकालकर दिल्ली के रामलीला में एकत्र होने का आह्वान किया है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने यहां एक संवादाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों, सीएए, एनपीआर और एनसीआर के खिलाफ एक सौ से अधिक सामाजिक और राजनीति संगठन के लोगों से तीन मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटने का आह्वान किया गया है। यंग इंडिया के बैनर तले देश के अमन पसंद लोगों को इसमें शामिल होने के आह्वान किया गया ताकि सरकार पर संविधान विरोधी कानूनों को वापस करने के लिए दवाब बनाया जा सके।
वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) की दिल्ली प्रदेश की अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने कहा कि दिल्ली में जारी हिंसा 1984 के सिख दंगों की याद दिला रही है। उन्होंने कहा कि आज भी जाफराबाद इलाके में हिंसा भड़काने की कोशिश की जा रही है और दिल्ली पुलिस कपिल मिश्रा के साथ खड़ी है और वह खुलेआम धमकी दे रहा है लेकिन उसकी गिरफ्तार नही हुई है। राजधानी में केंद्र सरकार की शह पर हिंसा भड़काई जा रही है।
उन्होंने कहा कि यंग इंडिया की तरफ से हम कहना चाहते हैं जो 1984 में हुआ वह 2020 में नहीं होना देना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी के पास भले ही कानून व्यवस्था नहीं है लेकिन उनके 62 विधायकों को सड़कों पर उतर कर हिंसा को रोकना चाहिए। अगर आम आदमी पार्टी ने हिंसा रोकने के लिए कोई वास्तविक पहल नहीं की तो उसके खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देशभर से छात्र, नौजवान और अमन पसंद लोग मार्च में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे है। इसमें सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ युवाओं की ओर हुंकार भरी जाएगी तथा शिक्षा, रोजगार और आरक्षण की गारंटी के सरकार पर दवाब बनाया जाएगा।
ब्लू पैंथर के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक सुशील गौतम ने कहा कि गुजरात मॉडल पर सरकार आई है और वह उत्तर प्रदेश में लगातार देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश में कोई भी सामाजिक संगठन सरकार के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठा सकता है। अब गुजरात मॉडल दिल्ली में भी दोहराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी इस देश में है लेकिन उस पर कोई बात नहीं की जा रही है।