सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग से शादी कर उसका दैहिक शोषण किए जाने के मामले में दोषी ठहराए गए एक अभियुक्त को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश नवीन कुमार शर्मा ने नाबालिग से शादी कर उसका देहिक शोषण करने वाले अनिल सिलावट को मामले का दोषी पाए जाने पर दस वर्ष के कारावास के साथ साढ़े छह हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार 21 जून 2017 को जिले के मंडी थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम कराडिय़ा भील निवासी 16 वर्षीय बालिका घर के बच्चों के साथ बाहर सो रही थी। देर रात परिवार वालों ने देखा कि वह अपने बिस्तर से गायब थी।
उन्होंने तलाश किया तो पता चला कि गांव का ही युवक अनिल सिलावट भी घर से गायब है। उसने इसकी शिकायत मंडी थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी।
आखिरकार पुलिस ने 11 दिसंबर 17 को अनिल सिलावट को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से बालिका को बरामद कर लिया था। बालिका ने पुलिस को बताया था जब उसने अनिल को उसकी दूसरी जगह शादी की बात बताई तो वह उसे अपने साथ भगा ले गया, भोपाल में एक मंदिर में उसके साथ शादी करने के बाद किराए के मकान में पति- पत्नी बनकर रहने लगे।
इस दौरान आरोपी अनिल ने बालिका के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करते हुए उसे गर्भवती बना दिया, पुलिस ने इस मामले की जांच करने के बाद प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था।