श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) मामलों की विशेष अदालत (संख्या-02) के न्यायाधीश ने शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के आरोपी चचेरे भाई को आज 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि जिले के श्रीबिजयनगर थाना की पुलिस ने पीड़ित किशोरी द्वारा अपनी बुआ और ताऊ के साथ थाने में आकर दी गई रिपोर्ट के आधार पर 8 दिसंबर 2018 को युवक कृष्ण नायक पर मुकदमा दर्ज किया था। घटना के समय पीड़िता कक्षा 9 में पढ़ती थी और उसकी आयु 15 वर्ष 6 महीने थी। घटना वाले दिन कृष्ण ने उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती नहर की पटरी सरकारी जगह पर ले गया। मना करने के बावजूद जबरदस्ती दुष्कर्म किया।
तत्पश्चात कृष्ण ने उसे कहा कि वह भाग जाए। लोक लाज वर्ष उसने नहर में छलांग लगा दी। उसके पिता, ताऊ तथा दो-तीन अन्य व्यक्तियों ने उसे बाहर नहर से निकाला। पीड़िता ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि इससे पूर्व भी दो तीन बार कृष्ण ने जबरदस्ती उससे दुष्कर्म किया। वह शादी करने का झांसा देता रहा। बेज्जती होने के डर से वह चुप रही। मुकदमा दर्ज होने पर पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से जांच की।
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोपी के खिलाफ अदालत में सक्षम धाराओं के तहत चालान पेश किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह और 18 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
विद्वान न्यायाधीश ने आज कृष्ण को दोषी करार देते हुए धारा 376 के तहत 20 वर्ष कठोर कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। पोक्सो एक्ट की धारा 5(एन)/6 के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा और 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।