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You've reached such heights that you've lost your roots Says PM Modi In A Stern Attack on Opposition-ऊंचाई आपको मुबारक, हमारा सपना जड़ों से जुड़ने का : मोदी - Sabguru News
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ऊंचाई आपको मुबारक, हमारा सपना जड़ों से जुड़ने का : मोदी

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ऊंचाई आपको मुबारक, हमारा सपना जड़ों से जुड़ने का : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए मंगलवार को कहा कि उसकी ‘ऊंचाई’ उसे मुबारक हो, भारतीय जनता पार्टी का सपना जड़ों से जुड़ने का है तथा पार्टी गरीबों के कल्याण और विकास के साथ ही देश को विकास की पटरी पर आगे ले जाने के लिए काम कर रही है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर करीब 13 घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र का सपना अनेक महापुरुषों ने देखा है। उसे पूरा करने के लिए मिलजुलकर आगे बढ़ना समय की आवश्यकता है। देश की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में हर बाधा को हम पार कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कई दशक बाद देश ने मजबूत जनादेश दिया है, जिसके कारण एक सरकार दुबारा आई, पहले से अधिक शक्ति लेकर आई- हर भारतीय के लिए यह गर्व का विषय है कि मतदाता कितना जागरूक है।

चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि उनकी पार्टी भले ‘दुबली-पतली’ हो गई हो, लेकिन वह अपनी ‘ऊंचाई’ घटने नहीं देगी। प्रधानमंत्री ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कहा गया – हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता। ऐसी गलती हम नहीं करते। हम किसी की लकीर छोटी नहीं करते, अपनी लकीर बड़ी करते हैं। आपकी ऊंचाई आपको मुबारक। आप इतने ऊंचे हो गए कि आपको जमीन नहीं दिखती। आप इतने ऊंचे हो गए कि जड़ से उखड़ गए कि सब आपको तुच्छ दिखते हैं। हमारा सपना जड़ों से जुड़ने का है।

मोदी ने कहा कि 2014 में देश ने उस समय की परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिए उन्हें मौका दिया था तो वहीं 2019 का जनादेश हर कसौटी पर कसने के बाद, हर तराजू पर तौलने के बाद दिया गया है। यह विजय सरकार के पांच साल के परिश्रम, जनता के लिए पूर्ण समर्पण और सर्वजन हिताय को लागू करने पर जनता का अनुमोदन है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जीत-हार या आंकड़ों का खेल नहीं है। कौन जीता-कौन हारा इस दायरे में इस चुनाव को देखना मेरी सोच का हिस्सा नहीं हो सकता। मैं उससे आगे देखता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के कल्याण, उत्थान और सशक्तीकरण के साथ देश को विकास की पटरी पर भी आगे बढ़ना चाहिए। हमने दोनों तरफ बल दिया। उन्होंने इसी सिलसिले में हाइवे, रोड-वे, वाटर-वे, ‘उड़ान’, टिंकरिंग लैब और चंद्रयान का जिक्र किया।

पहले की सरकारों के बारे में उन्होंने कहा कि हमने जाने-अनजाने में ऐसी संस्कृति विकसित कर ली थी जिसमें सामान्य लोगों को अपने हक के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है, लड़ना पड़ता है। हमने मान लिया था कि यह तो ऐसा ही चलता है। हमने जो दिशा पकड़ी उसे छोड़ा नहीं। न डायवर्ट, न डायल्यूट – हम इस मकसद से चलते रहे। उन्होंने कहा कि पहले लोग सोचते थे कि सरकार क्यों नहीं करती है। अब वे सोचते हैं कि सरकार क्यों करती है।

मोदी ने कहा कि वह बड़े ख्वाब देखते हैं, बड़ा काम करने में यकीन रखते हैं। नई सरकार को सिर्फ तीन सप्ताह हुए हैं। इस तीन सप्ताह में ही छोटे किसानों, मजदूरों और व्यापारियों के लिए कई निर्णय लिए गए। प्रधानमंत्री किसान योजना का दायरा बढ़ाकर सभी किसानों को इसमें शामिल किया गया। छोटे किसानों के लिए पेंशन योजना को मंजूरी दी गई। सेना के शहीदों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई गई और इस योजना में पुलिस के शहीदों के परिवार को भी शामिल किया गया। तीन सप्ताह के भीतर जितना हो सकता था काम किया गया है। उन्होंने कविता में दो पंक्तियां भी कही – जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कॉर्पोरेट जगत को कृषि क्षेत्र विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज में निवेश करें। बीज से लेकर बाजार तक एक श्रृंखला बने। उन्होंने कहा कि देश में कुछ साल पहले दालों की ऊंची कीमत मुद्दा बन गई थी। तब उन्होंने किसानों से दलहन की पैदावार बढ़ाने का आह्वान किया था। इसी तरह से इस बार किसानों को तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि हमें खाद्य तेल आयात नहीं करना पड़े।

उन्होंने कहा कि आलोचना के लिए आंकड़ों का कैसे भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी सदन में देश की अर्थव्यवस्था जब 13वें से 11वें स्थान पर आई थी तो बहुत उमंग उत्साह से स्वागत हुआ था। लेकिन, जब छठे स्थान पर पहुंची तो मायूसी छा गई जबकि छह पर तो और आनंद आना चाहिए था। उन्होंने पूछा कि देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना सबका क्यों नहीं होना चाहिए। इससे सबका फायदा होगा। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ का मजाक उड़ाया गया, लेकिन क्या ‘मेक इन इंडिया’ नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास आयुध बनाने का अनुभव दो सौ-सवा दो सौ साल का है। जब देश आजाद हुआ था तो भारत के पास 18 आयुध कारखाने थे और चीन के पास कुछ भी नहीं था। आज चीन दुनिया में हथियारों का निर्यात करता है जबकि भारत सबसे बड़ा आयातक है। क्या हम उस मुकाम तक नहीं पहुंच सकते।

उन्होंने कहा कि अब देश को ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ से आगे ‘जय अनुसंधान’ की ओर बढ़ना चाहिए। देश में पर्यटन की इतनी संभावनाएं हैं, लेकिन कभी कोशिश ही नहीं हुई। स्वच्छता अभियान के बाद पर्यटन में तेजी आई है।

मोदी ने कहा कि देश में आधुनिक आधारभूत ढांचे की जरूरत है। सौ लाख करोड़ रुपए की राशि कम पड़ जाएगी। एक नया भारत बनाने के लिए आगे आना है जिसमें सामान्य मानव के सारे सपने साकार हो सकें। गांवों और शहरों में समान अवसर मिलें। कौशल के साथ अवसर को बढ़ाना होगा। उन्होंने जेईएम पोर्टल को खरीददारी के लिए इस्तेमाल करने पर जोर दिया जिससे छोटे उत्पादकों एवं उद्यमियों को प्रोत्साहन मिले।