भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह ने इस साल जून में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था। उनके संन्यास ने हर किसी को हैरान कर दिया। लेकिन संन्यास के 4 महीने बाद युवी का गुस्सा फूटा है। उन्होंने के एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारतीय टीम प्रबंधन ने उनके सामने लगातार नई चुनौतियां रखीं। उन्होंने बताया कि 2017 में यो-यो टेस्ट पास करने के बावजूद उन्हें टीम में शामिल नहीं किया था।
युवी ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि 8-9 मैचों में से 2 में ‘मैन ऑफ द मैच’ रहने के बाद मुझे ड्रॉप कर दिया जाएगा। इसके बाद मैं चोटिल हो गया और मुझे बताया गया श्रीलंका सीरीज के लिए तैयार रहना। लेकिन उससे पहले अचानक यो-यो टेस्ट की तस्वीर सामने आ गई। मेरे चयन में यह यू-टर्न आ गया था। 36 की उम्र में अचानक मुझे वापस जाना पड़ा और यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी। इसके बाद भी जब मैंने यो-यो टेस्ट को पास कर लिया, तो बताया गया कि मुझे घरेलू क्रिकेट खेलना है।’
उन्होंने आगे ने कहा कि उन्हें (टीम प्रबंधन) ऐसा लगा था कि मैं इस उम्र की वजह से यो-यो टेस्ट क्लियर नहीं कर पाऊंगा और इसके बाद मुझे निकालने में उन्हें आसानी होगी… हां, आप कह सकते हैं कि यह एक बहाना था।
बता दें, वेस्टइंडीज के खिलाफ 30 जून 2017 को अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच खेलने वाले युवी ने कहा कि, ’मुझे कभी नहीं बताया गया कि टीम से बाहर कर दिया जाएगा, तरीका गलत था। यह किसी भी खिलाड़ी को दु:खी कर सकता है, मैं भी दुखी हुआ, जो खिलाड़ी 15-17 साल क्रिकेट खेला है, उसे आपको बैठ कर बताना चाहिए। सहवाग और जहीर खान को भी नहीं बताया गया था। भारतीय क्रिकेट में ऐसा ही होता है।’ युवी ने भारत के लिए 304 वनडे में 8701 और 58 टी-20 में 1177 रन बनाये। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान दिया है।