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Yuvraj Singh Announces Retirement from International Cricket - युवराज सिंह ने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की - Sabguru News
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युवराज सिंह ने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की

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युवराज सिंह ने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की
Yuvraj Singh Announces Retirement from International Cricket
Yuvraj Singh Announces Retirement from International Cricket
Yuvraj Singh Announces Retirement from International Cricket

मुंबई। विश्वकप 2011 में भारत की खिताबी जीत में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे और कैंसर पर विजय पाने वाले युवराज सिंह ने क्रिकेट से संन्यास लेने की सोमवार को घोषणा कर दी।

भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शुमार युवराज ने अपने संन्यास की घोषणा ऐसे समय में की जब इंग्लैंड में आईसीसी का एकदिवसीय विश्वकप चल रहा है और भारत इस टूर्नामेंट में अपने दो मुकाबले लगातार जीत चुका है।

भारत ने कल लंदन में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पराजित किया था। सिक्सर किंग के नाम से मशहूर विस्फोटक बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर युवराज ने भारत की मेजबानी में 2011 में हुए विश्वकप में देश को 28 साल के लंबे अंतराल के बाद विश्व चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से नवाजा गया था।

युवराज ने भारत की तरफ से 304 वनडे, 40 टेस्ट और 58 ट्वंटी-20 मुकाबले खेले हैं। युवराज भारत की 2007 में ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में एकदिवसीय विश्वकप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे थे।

उन्होंने मुंबई के एक होटल में संवाददाता सम्मेलन में अपने संन्यास की घोषणा की। युवराज ने संन्यास लेने का ऐलान करते हुए कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही भावुक पल है। देश के लिए खेलना किसी भी खिलाड़ी के लिए जीवन के सबसे बड़े गौरव की बात होती है और उस खेल को छोड़ना आसान नहीं होता जिससे आपने इतना प्यार किया है।

दिग्गज ऑलराउंडर ने कहा कि मैं काफी समय से संन्यास के बारे में सोच रहा था और आज मैंने यह फैसला कर दिया। अब मेरी योजना आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त ट्वेंटी-20 टूर्नामेंटों में खेलने की है।

अपने करियर और जीवन में हमेशा चुनौतियों का डट कर सामना करने वाले युवराज ने कहा कि मैंने कभी किसी चुनौती से हार नहीं मानी फिर चाहे वह क्रिकेट का मैच रहा हो या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी।

अपने शानदार क्रिकेट करियर को याद करते हुए युवराज ने भावुकता के साथ कहा कि अपने 25 साल के करियर और 17 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैंने अब अपने करियर में आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है।

युवराज पिछले काफी अरसे से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। उनका सपना 2019 के विश्वकप में भी खेलना था लेकिन खराब फॉर्म और फिटनेस के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया।

युवराज को भारतीय क्रिकेट में हमेशा एक ऐसे योद्धा बल्लेबाज के रुप में याद रखा जाएगा जिन्होंने एक ओवर में छह छक्के जड़ने सहित देश को कई यादगार पल दिए।

37 वर्षीय युवराज का जन्म 12 दिसम्बर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था। बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज ने तीन अक्टूबर 2000 को केन्या के खिलाफ अपना एकदिवसीय पदार्पण किया था। कुल 304 वनडे मैच खेलने वाले युवराज ने आठ हजार 701 रन बनाए हैं। उन्होंने अपने वनडे करियर में 52 अर्धशतक और 14 शतक जड़े हैं। उन्होंने अपना आखिरी एकदिवसीय मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था।

युवराज ने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 16 अक्टूबर 2003 को मोहाली में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलकर शुरु किया था। उन्होंने अपने 40 अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच में 1900 रन बनाए जिसमें 11 अर्धशतक और तीन शतक शामिल हैं। युवराज ने अपना आखिरी टेस्ट मैच नौ दिसंबर 2012 को कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।

सिक्सर किंग युवराज ने 13 सितंबर 2007 को स्कॉटलैंड के विरुद्ध अपने ट्वंटी-20 करियर का पदार्पण किया था। कुल 58 ट्वंटी-20 मैचों में उन्होंने 1177 रन बनाए। उन्होंने ट्वंटी-20 फॉर्मेट में आठ अर्धशतक लगाए हैं। युवराज ने एक फरवरी 2017 को बेंगलुरु में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय ट्वंटी-20 मैच खेला था।

दिग्गज ऑलराउंडर ने कहा, “मैं काफी समय से संन्यास के बारे में सोच रहा था और आज मैंने यह फैसला कर दिया। अब मेरी योजना आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त ट्वंटी-20 टूर्नामेंटों में खेलने की है।” अपने करियर और जीवन में हमेशा चुनौतियों का डट कर सामना करने वाले युवराज ने कहा, “मैंने कभी किसी चुनौती से हार नहीं मानी फिर चाहे वह क्रिकेट का मैच रहा हो या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी।”

अपने शानदार क्रिकेट करियर को याद करते हुए युवराज ने भावुकता के साथ कहा, “अपने 25 साल के करियर और 17 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैंने अब अपने करियर में आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है।” युवराज पिछले काफी अरसे से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। उनका सपना 2019 के विश्वकप में भी खेलना था लेकिन खराब फॉर्म और फिटनेस के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया। युवराज को भारतीय क्रिकेट में हमेशा एक ऐसे योद्धा बल्लेबाज के रुप में याद रखा जाएगा जिन्होंने एक ओवर में छह छक्के जड़ने सहित देश को कई यादगार पल दिए।

दिग्गज ऑलराउंडर ने कहा, “मेरे क्रिकेट सफर के दौरान कुछ ऐसे पल रहे जो हमेशा मेरी याद में अंकित रहेंगे। 2002 नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल, 2004 में लाहौर में मेरा पहला टेस्ट शतक, 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज और 2007 ट्वंटी-20 विश्वकप की खिताबी जीत और छह छक्के… और सबसे यादगार 2011 विश्वकप का फाइनल।”

युवराज ने अपने सबसे खराब समय के लिए कहा, “2014 ट्वंटी-20 विश्वकप का फाइनल मेरा सबसे खराब दिन था। मैंने श्रीलंका के खिलाफ 21 गेंदों में 11 रन बनाए। उस समय मैं इतना टूट गया था कि मुझे लगा मेरा करियर समाप्त हो जाएगा।”

कैंसर ने उन्हें काफी समय तक क्रिकेट से दूर रखा लेकिन कैंसर को जीतकर जब वह क्रिकेट के मैदान में लौटे तो पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे थे। उन्होंने 2013 तक अपना स्थान बरकरार रखा लेकिन इसके बाद उनका भविष्य चार साल तक अनिश्चितता के दौर से गुजरता रहा।

युवराज ने अपना आखिरी टेस्ट 2012, आखिरी वनडे 2017 और आखिरी ट्वंटी-20 एक फरवरी 2017 को खेला। उन्होंने अपने करियर में 40 टेस्टों में 1900 रन, 304 वनडे में 8701 रन और 58 ट्वंटी-20 में 1177 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में नौ, वनडे में 111 और ट्वंटी-20 में 28 विकेट लिए। वह इस साल आईपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से चार मैचों में खेले जिसमें उन्होंने 53, 23, 18 और चार रन बनाए। युवराज ने तीन अप्रैल को अपना आखिरी सक्रिय क्रिकेट मैच खेला और 10 जून 2019 को अपना बल्ला टांग देने का फैसला कर लिया।