नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय करीब 26 साल पहले बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले पटना उच्च न्यायालय के फैसले को आंशिक तौर पर पलटते हुए पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो को गुरुवार को दोषी करार दिया और उन्हें इसके लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाते 15 दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने मृतक प्रसाद की विधवा पूर्व सांसद रमा देवी के अलावा इस मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
पीठ ने 1998 के इस चर्चित हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद सूरज भान सिंह और एक अन्य आरोपी मंटू तिवारी समेत छह को संदेह का लाभ दिया और उन्हें बरी करने के उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
पटना उच्च न्यायालय 2014 में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था। बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्या मामले में निचली अदालत ने 2009 में 8 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।