जयपुर। राजस्थान में जयपुर में वर्ष 2008 में हुए भीषण श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के दौरान चांदपोल बाजार में मिले बम के मामले में जयपुर की बम विस्फोट मामलों की विशेष अदालत ने चारों दोषियों को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इससे पहले विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को चार अप्रैल को बम रखने के मामले में दोषी ठहराया था। उन्होंने फैसले की तारीख आठ अप्रैल तय की थी। इस ऐतिहासिक फैसले के तहत न्यायालय ने 600 पेज का विस्तृत आदेश दिया।
न्यायालय ने फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सबसे बड़ा न्यायालय, हमारा मन होता है। क्या गलत है, क्या सही, यह हमारा मन जानता है। सजा हुई है, मतलब गुनाह भी हुआ है।
इससे पहले सजा पर जिरह के दौरान विशेष लोक अभियोजक सागर तिवाड़ी ने अदालत से सख्त सजा की मांग करते हुए कहा कि दोषियों का कृत्य राष्ट्र विरोधी, समाज विरोधी और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है। यह ‘अत्यंत दुर्लभ’ मामला है, इसलिए इन्हें शेष जीवन तक जेल में रखा जाए।
इस पर दोषियों के वकील मिन्हाजुल हक ने दलील दी कि दोषी 15 वर्ष से जेल में हैं। उच्च न्यायालय से अन्य आठ मामलों में ये बरी हो चुके हैं। ऐसे में अदालत पूर्व में भुगती सजा को ध्यान में रखते हुए नरमी बरते।
चारों दोषियों को अब अपने जीवन का शेष समय जेल में ही बिताना होगा। न्यायालय ने अपने फैसले में यह भी कहा कि देश में आतंकी गतिविधियों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को अपनाना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
उल्लेखनीय है कि 13 मई 2008 को जयपुर में एक के बाद एक आठ बम धमाके हुए थे, जिनमें 71 लोगों की मौत हुई और 180 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। वहीं, नवां बम चांदपोल बाजार के एक गेस्ट हाउस के पास मिला था, जिसे धमाके से 15 मिनट पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया, जिससे कई लोगों का जीवन बच गया। इस बम से जुड़े मामले में इन चारों आरोपियों को दोषी पाया गया।