बाबा भैरव के जयकारों की गूंज, लाखों की संख्या में उमड़े श्रद्धालु
अजमेर। श्री मसाणिया भैरवधाम चैरिटेबल ट्रस्ट राजगढ़ के तत्वावधान में बुधवार को धाम पर मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की 22वीं वर्षगांठ धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ बाबा भैरव व मां कालिका के जयकारों के बीच मनाया गया।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि मंदिर में सुबह मनोकामनापूर्ण स्तम्भ पर पंड़ित चन्द्रशेखर आचार्य व मोहित आचार्य ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाराज व मुख्य अतिथि के सान्निध्य में हवन-यज्ञ सम्पन्न करवाया। पूर्णाहुति के बाद मां कालिका व बाबा भैरव की व गुरूआरती हुई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज तथा अतिथियों ने मंदिर पर ध्वजारोहण कर किया। इस अवसर पर भैरवधाम पर प्रदेश के कई मंत्री, विधायक, प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में भीड़ का आलम यह था कि श्रद्धालुओं की संख्या लाखों के आंकड़े को भी पार कर गई। श्रद्धालु सायंकाल आरती तक धाम पर आकर परिक्रमा कर बाबा भैरव व मां कालिका के समक्ष शीश झुकाकर चम्पालाल महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। वर्षगांठ महोत्सव में भजन गायक नरेश दगदी, ज्याति सैनी ने बाबा भैरव के भजनों की प्रस्तुतियां दी।
सच्चे मन से एक परिक्रमा, हो मनोकामना पूरी : चम्पालाल महाराज
मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की वर्षगांठ के अवसर पर चम्पालाल महाराज ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो भी मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की सच्चे मन व आस्था से एक भी परिक्रमा कर कर लेता है बाबा भैरवनाथ व मां कालिका के शुभ आशीर्वाद से उसके सभी कष्टों का अंत हो जाता है।
उन्होंने कहा कि भगवान सदैव देता है, लेता नहीं। राजगढ़ धाम पर आज तक भी कोई भिखारी मंदिर के बाहर भीख मांगता नजर नहीं आया है। भिक्षावृत्ति समाज व हमारे देश के लिए अभिशाप के रूप में न उभरे जिसके लिए धाम पर देने वाला बाबा भैरव इतना मजबूत है कि भिखारी की भी तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति कर देता है जिससे उनकी भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति समाप्त हो जाती है। भिक्षावृत्ति उन्नमूलन अभियान राज्य सरकार चला रही है, जबकि राजगढ़ भैरव धाम पर पिछले कई वर्षों से यह अभियान अनवरत जारी है।
अभूतपूर्व राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम : भागीरथ चौधरी
मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि मैंने देशभर में भ्रमण किया है लेकिन राजगढ़ धाम राजस्थान ही नहीं अपितु पूरे भारतवर्ष में अदभुत ख्याति प्राप्त देवस्थान है जहां चम्पालाल महाराजश्री निस्वार्थ भाव से मानव जीव प्राणी की सेवा कर रहे हैं। महाराज का बखान शब्दों के माध्यम से नहीं किया जा सकता है।महाराजश्री की ओर से चलाए जा रहे नशामुक्ति अभियान व कन्या भ्रूण हत्या का विरोध, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व जल स्वालम्बन अभियान की गूंज राष्ट्रीय स्तर तक सुनाई पड रही है। श्री मसाणिया भैरवधाम चैरिटेबल ट्रस्ट राजगढ़ के तत्वावधान में नशामक्ति व बेटी बचाओ बटी पढ़ाओ महाअभियान के अंतर्गत लगभग 50 लाख से अधिक लोगों ने राजगढ़ धाम में संकल्प लिया है, यह भी अपने आप में अनूठी मिसाल है।
सनातन धर्म की संस्कृति की रक्षा को तत्पर भैरव धाम : भडाना
देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश भडाना ने धाम पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजगढ़ धाम के मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज हमारे सनातन धर्म व संस्कृति की परम्पराओं को कायम रखते हुए कई सामाजिक सरोकारों जैसे नशामुक्ति महाअभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व रक्तदान जैसे अनेकों अभियान चलाकर इस संसार को एक नई दिशा की ओर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
लाखों श्रद्धालुओं ने लिया बेटी बचाने व नशा मुक्ति का संकल्प
चम्पालाल महाराज की प्रेरणा से राजगढ़ मसाणिया धाम पर कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए एवं नशे की प्रवृति को त्यागने के लिए 25 दिसम्बर को लाखों श्रद्धालुओं ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प लिया। राजगढ़ भैरव धाम पर पिछले कई वर्षों से चम्पालाल महाराज की प्रेरणा से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है। महाअभियान के अंतर्गत प्रत्येक रविवारीय मेले के अलावा विशेष अवसरों पर धाम पर आए हुए भक्तगणों व श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संकल्प दिलाया जा रहा है तथा रैली निकाली जा रही है। सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की 22वीं वर्षगांठ पर आए हुए श्रद्धालुओं को अदभुत चमत्कारी चिमटी का वितरण हुआ।श्रद्धालुओं के लिए ट्रस्ट की ओर से निःशुल्क चाय व विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।
बाबा भैरव व मां कालिका के मंदिर पर चढाए सैकड़ों झण्डे
सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की 22वीं वर्षगांठ पर देश-प्रदेश से सैकड़ों झण्ड़े आए। मेले में देश-प्रदेश के विभिन्न प्रांतों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों के विभिन्न स्थानों से हजारों श्रद्धालु अपने साथ लाए झण्डों को चक्की वाले बाबा के मंदिर से मुख्य मंदिर मनोकामनापूर्ण स्तम्भ तक गाजे बाजे के साथ नाचते-गाते लाए तथा बाबा भैरव व मां कालिका के मंदिर पर चढ़ाए। मनोकामनापूर्ण स्तम्भ के स्थापना दिवस के अवसर पर पंजाब, सीकर, चूरू व झुंझुनूं से श्रद्धालू राजगढ़ धाम पहुंचे जो कि महाराज की प्रेरणा पाकर कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में बेटी बचाओ देश बचाओ की एक विशाल रैली लेकर राजगढ़ धाम पर आए।
रैली में आए श्रद्धालू पूरे जोश के साथ समाज में हो रही समाजकंटकों द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में बेटी बचाओ देश बचाओ, बेटी पढ़ाओ देश बढ़ाओ के नारे लगाते नजर आए। धाम पर श्रद्धालुओं के सैलाब को देखते हुए जिला पुलिस व प्रशासन ने कड़े बन्दोबस्त किए। श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले कुछ वर्षों के तमाम रिकार्ड तोड़ दिए तथा प्रशासन ने शांति व्यवस्था के लिए कड़ी मशक्कत की।
प्रबुद्ध अतिथियों ने लगाई परिक्रमा व लिया आशीर्वाद
धाम पर मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की 22वीं वर्षगांठ पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, विशिष्ट अतिथि अध्यक्ष देवनारायण बोर्ड ओमप्रकाश भडाना, बगरू विधायक कैलाश वर्मा, संघ प्रचारक धनराज, धर्म जागरण सभा के जिला संयोजक महेन्द्र सिंह रावत, पूर्व शिक्ष मंत्री नसीम अख्तर, महेन्द्र सिंह रलावता, सोनादेवी बावरी पूर्व विधायक रायसिंहनगर, भाजपा वरिष्ठ नेता कैलाश लाम्बा, पूर्व महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह राठौड, डॉ रश्मि सिन्हा, सरपंच राजगढ कमल बालोटिया, सरपंच श्रीनगर दिलीप राठी, सरपंच नान्दला मान सिंह, सरपंच झडवासा भंवर सिंह, ज्ञान सिंह, चमन चीता, सरपंच बगरू प्रभुदयाल, रामदेव गौशाला के प्रबन्धक भंवर, सर्वधर्म मैत्री संघ के अध्यक्ष प्रकाश जैन, सेटलमेंट अधिकारी भावना गर्ग, सहायक आयुक्त जीएसटी महराज खान, उपखण्ड अधिकारी नसीराबाद देवीलाल यादव, एसीपी सुरेन्द्र राणावत, वृत्ताधिकारी नसीराबाद जरनैल सिंह, मेला मजिस्ट्रेट ममता यादव, थानाधिकारी सदर नसीराबाद प्रहलाद सहाय, राजेन्द्र कुड़ी सहायक अभियन्ता एडीए, विपुल सैनी कनिष्ठ अभियन्ता, सीआईडी जोन यूनिट नसीराबाद के विजयराज आदि भी ने मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की तथा बाबा भैरवनाथ एवं चम्पालाल महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
व्यवस्था संभालने में इनका रहा विशेष योगदान
मनोकामनापूर्ण स्तम्भ वर्षगांठ महोत्सव की सुचारू व्यवस्था संभालने के लिए व्यवस्थापक ओमप्रकाश सैन, रमेश सेन, अविनाश सेन, राहुल सेन, मुकेश सेन, सत्यनारायण, सागर सेन, ताराचन्द, कपिल, यश मारोठिया, प्रकाश रांका, अजय बुढ़ानिया, अजय मोटासरा, कप्तान रामनिवास, महेन्द्र, रामसिंह, रामलाल, विजेन्द्र, अमरपाल के साथ महावीर रांका, कैलाश सेन, पदम जैन अमित खण्ड़ेलवाल, कन्हैयालाल सोलंकी, दीपक बसीटा, राजकुमार, विजय सिंह, सलीम, कुल्दीप, बलराम, कालू यादव, सुरेश आदि का योगदान रहा।