नई दिल्ली। वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के एक प्रमुख सूत्रधार पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा को आखिरकार अमरीका से प्रत्यर्पित कर दिया गया है।
अमरीकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार तहव्वुर राणा को एक विशेष विमान से प्रत्यर्पित किया गया और बुधवार देर रात तक यह विमान भारत पहुंच जाएगा। हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया कि विमान कहां उतरेगा और राणा को किस स्थान पर रखा जाएगा।
रिपोर्टों के अनुसार 64 वर्षीय पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक, पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी समूह, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। अमरीकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को भारत को उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी याचिका को खारिज कर दिये जाने के बाद उसे भारत भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत से एक मल्टी-एजेंसी टीम अमेरिका गई थी और उसने अमरीकी अधिकारियों के साथ सभी कागजी कार्रवाई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने में मदद की।
तहव्वुर राणा लॉस एंजिल्स में यूएस मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में 14 साल तक कैद रहा। अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार 2023 में भारत को उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। लेकिन उसने सुप्रीम कोर्ट में बार बार प्रत्यर्पण रोकने के लिए याचिकाएं दायर कीं थीं, पर उसे सफलता नहीं मिली। उल्लेखनीय है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में राणा के भारत में प्रत्यर्पण की घोषणा की थी।
तहव्वुर राणा जिसने आतंकी हमलों से पहले मुंबई में आतंकी हमलों के स्थानों को चिह्नित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से टोह ली थी और जासूसी की थी, उसने जिहादी साथी दाऊद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली को पाकिस्तानी-अमरीकी पासपोर्ट का उपयोग करके भारत की यात्रा करने में भी मदद की थी। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों के साथ समन्वय करके लश्करे तैयबा द्वारा रची गई मुंबई आतंकी हमलों की साजिश के संभावित लक्ष्यों की पहचान करना था।