अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की 32वीं आमसभा एवं खुला अधिवेशन अजमेर सरस दूध हर गांव के द्वार पर पहुंचे के संकल्प के साथ सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। साथ ही सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए।
अजमेर के जवाहर रंगमंच पर आयोजित आमसभा में डेयरी सदर रामचंद्र चौधरी की अध्यक्षता में 1450 करोड़ से ज्यादा के प्रस्तावित बजट पर भी मोहर लगा दी गई। साथ अजमेर जिले में 140 गावों में बीएमसी स्तर पर सरस पार्लर की सौगात दी गई, जिससे पशुपालकों की आय बढ़ सकेगी।
अजमेर डेयरी सदर रामचंद्र चौधरी ने डेयरी की सफलता का श्रेय पशुपालकों एवं उपभोक्ताओं को देते हुए कहा कि पहले दिन केवल 34 लीटर दूध बेचने से सफर शुरू करने वाली डेयरी आज तीन लाख लीटर दूध एवं उससे बने उत्पाद बेच रहा है।
उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि आज दूध उत्पादन में राजस्थान नं.-1 पर है तथा अजमेर डेयरी अपने अत्याधुनिक तकनीक वाले प्लांट की बदौलत 56 से ज्यादा उत्पाद तैयार कर बेच रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस बात के लिए आभार जताया कि वे पशुपालकों एवं दुग्ध उत्पादकों की मांग को समय समय पर पूरा कर उन्हें आर्थिक सम्बल प्रदान कर रहे है। उन्होंने घोषणा कि है कि डेयरी वर्तमान में दूध के खरीद व बिक्री मूल्यों में कोई परिवर्तन नहीं कर, उसे यथावत रख रहा है। लेकिन सर्दियों में आठ रूपये तथा गर्मियों में साढ़े आठ रूपए फैट देगा।
चौधरी ने ब्यावर रोड अजमेर डेयरी रेल फाटक पर आरओबी निर्माण में पिछले सात सालों से चल रही लापरवाही के चलते पशुपालकों एवं दुग्ध उत्पादकों, दुग्ध वाहनों एवं डेयरी आने वालों को आने जाने की भारी परेशानी के चलते सम्बंधितों के खिलाफ उच्च न्यायालय में पीआईएल दायर करने की सर्वसम्मति से घोषणा की।
साथ ही यह भी कहा कि यहां भी न्याय नहीं मिला तो डेयरी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी। साधारण सभा में अजमेर जिले की दुग्ध उत्पादक समितियों के अध्यक्ष एवं सचिव के अलावा सहकारिता क्षेत्र के जुड़े लोग उपस्थित रहे।