पुरी जगन्नाथ मंदिर में भीड़ के बीच 3 छात्राओं समेत 5 श्रद्धालु अचेत

पुरी। ओडिशा में पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में सोमवार को भारी भीड़ के कारण तीन छात्राओं सहित पांच श्रद्धालु अचेत हो गए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन सभी को जिला अस्पताल ले जाया गया और बाद में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

भगवान जगन्नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालु हालांकि कतार में मंदिर में प्रवेश करते हैं, लेकिन भीतरी हिस्से में समुचित कतार व्यवस्था के अभाव में भीड़ बढ़ जाती है और लोग देवताओं की एक झलक पाने के लिए आगे बढ़ते हैं। ऐसी स्थिति में बुजुर्गों और बच्चों के लिए मुश्किलें आ जाती है जब उन्हें भीड़ के बीच दर्शन करने के लिए जूझना पड़ता है।

कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें 1.5 किलोमीटर से अधिक लंबी कतार में घंटों इंतजार करना पड़ता है। जब तक वे दर्शन के लिए भीतर काठ पहुंचते हैं, तब तक कई लोगों को घुटन का अनुभव होता है और कुछ बेहोश हो जाते हैं।

श्री जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाधी ने मीडिया को बताया कि मंगलवार से श्रद्धालुओं को मंदिर के मुख्य द्वार सिंहद्वार पर बैरिकेड्स के माध्यम से कतार प्रणाली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अन्य तीन द्वारों से बाहर निकलने की अनुमति होगी। यह नई दर्शन प्रणाली 31 दिसंबर की सुबह से लागू होगी और 1 जनवरी तक लागू रहेगी। मंदिर के सेवकों और उनके परिवारों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि मंदिर प्रशासन सिंहद्वार (गुमटा) से प्रवेश करते समय मंदिर का शानदार दृश्य प्रस्तुत करके भक्तों के अनुभव को बढ़ाने का भी प्रयास कर रहा है। विशेषज्ञ कारीगर पतितपावन छवि के ऊपर मेहराब की सजावटी चांदी की परत चढ़ाने का काम कर रहे हैं, जिसका काम 31 दिसंबर की देर रात तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले, मंदिर के चार द्वारों सहित सात दरवाजों को चक्र, गदा, शंख और कमल – भगवान जगन्नाथ के चार प्रतीक चिन्हों की जटिल चांदी की कलाकृति से सजाया गया था।

इससे पहले पुलिस उप महानिरीक्षक चरण सिंह मीना ने रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि 10 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और 33 पुलिस उपाधीक्षक सहित 60 से अधिक पुलिस कर्मियों की टुकड़ियाँ तथा विभिन्न रैंक के अधिकारी तैनात किए गए हैं। मंदिर परिसर को चार सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। वहीं शहर को भक्तों की आवाजाही का प्रबंधन करने और वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए छह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।

शहर में भक्तों की आवाजाही पर नज़र रखने के लिए एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। पुलिस ने पार्किंग व्यवस्था के बारे में एक सलाह भी जारी की है और होटल व्यवसायियों से सराय ऐप पर पंजीकरण करने का आग्रह किया है।