लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास टैंक दुर्घटना में 5 सैनिकों की मौत

श्रीनगर। केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सेना का एक टैंक दुर्घटनाग्रस्त होने से पांच सैनिक शहीद हो गए हैं। सेना ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह दुर्घटना शुक्रवार रात एक बख्तरबंद टैंक अभ्यास के दौरान पूर्वी लद्दाख के सासेर ब्रांग्सा के पास श्योक नदी में हुई।

लेह में फायर एंड फ्यूरी कोर के प्रवक्ता ने कहा कि कल रात को एक सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के समय अचानक जल स्तर बढ़ने के कारण सेना का एक टैंक श्योक नदी में फंस गया। उन्होंने कहा कि बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं, हालांकि नदी की तेज धारा और जल स्तर के कारण बचाव अभियान सफल नहीं हुआ और टैंक चालक दल की जान चली गई।

भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख में ऑपरेशनल तैनाती के दौरान पांच बहादुर कर्मियों को खोने का बेहद अफसोस है। उन्हाेंने बताया कि शहीद जवानों की पहचान तत्काल नहीं हो सकी है। प्रवक्ता ने कहा बचाव अभियान जारी है। सूत्रों ने बताया कि टैंक तीन डिविजन की 52 आर्मर्ड रेजिमेंट का था और लेह जिले के तांगस्टे आ रहा था।

दौलत बेग ओल्डी लद्दाख का सबसे उत्तरी छोर है और यह गलवान घाटी में संपर्क का पहला बिंदु है, जहां 2020 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी।

राजनाथ ने सैनिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में सैन्य अभ्यास के दौरान पांच सैनिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सिंह ने शनिवार को सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा कि लद्दाख में टैंक को नदी के पार ले जाने के अभ्यास के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण घटना में हमारी सेना के पांच बहादुर सैनिकों की मौत से गहरा दुख पहुंचा है। हम राष्ट्र के प्रति अपने बहादुर जवानों की असाधारण सेवा को कभी नहीं भूल पाएंगे। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। संकट की इस घड़ी में समूचा राष्ट्र उनके साथ खड़ा है।

रक्षा सूत्रों के अनुसार यह हादसा नदी में अचानक पानी का स्तर बढ़ जाने के कारण हुआ। सेना ने बताया है कि यह हादसा शुक्रवार की रात उस समय हुआ जब सैन्य अभ्यास के बाद टैंक पर सवार सैनिक श्योक नदी से टैंक को बाहर ले जा रहे थे। अचानक नदी में पानी का का स्तर बढ़ने से ये जवान वहां फंस गए। उन्हें बचाने के लिए बचाव टीमों को तुरंत रवाना किया गया लेकिन पानी का स्तर और बहाव इतना तेज था कि बचाव मिशन सफल नहीं हो सका और जवानों की जान चली गई। सेना ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है।