मुंबई। महाराष्ट्र में मुबंई की एक अदालत ने 54 वर्षीय व्यक्ति को एक नाबालिग का दो साल तक यौन उत्पीड़न करने और उसे नग्न तस्वीरें साझा करने के लिए मजबूर करने के आरोप में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने सुनवाई के दौरान आरोपी के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी के तर्क विश्वसनीय नहीं पाए गए। वह इसे साबित करने में विफल रहा। इसके अलावा पीड़िता द्वारा आरोपी को इस तरह की नग्न तस्वीरें भेजने के कथित स्वैच्छिक कार्य के संबंध में तथ्य भी स्वीकार्य नहीं है।
अभियोजन पक्ष के 31 दिसंबर-2015 को पीड़िता के परिवार के सदस्य नए साल की पूर्व संध्या का जश्न मनाने के लिए आरोपी व्यक्ति के घर पर एकत्र हुए। आरोपी उसकी बड़ी बहन का पति है। पार्टी के बाद सभी महिलाएं एक कमरे में सो गईं, जबकि पीड़िता, उसकी चचेरी बहनें और आरोपी घर में दूसरी जगह सो गए।
आरोपी ने स्थिति का फायदा उठाया और किशोरी को गलत तरीके से छुआ। यहीं से उसने यौन उत्पीड़न का घृणित चक्र शुरू किया और नाबालिग को धमकी भी दी और उसे नग्न तस्वीरें साझा करने के लिए मजबूर किया।