नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) के सात विधायकों ने शुक्रवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया। आप के सात विधायकों राजेश ऋषि, नरेश यादव, रोहित कुमार महरौलिया, भावना गौड़, भूपेंद्र सिंह जून, मदन लाल और पवन शर्मा ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की।
जनकपुरी से दो बार के विधायक राजेश ऋषि ने अरविंद केजरीवाल को भेजे इस्तीफे में आरोप लगाया कि पार्टी मूल सिद्धांतों को त्यागकर भ्रष्टाचार में डूब गई है। उन्होंने कहा कि संतोष कोली के बलिदान के साथ गलत व्यवहार किया गया और उनके हत्यारे को टिकट दिया गया, यह पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात है। उन्होंने पार्टी में भाई-भतीजावाद किए जाने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने आप को एक अनियंत्रित गिरोह बताते हुए लिखा कि आम आदमी पार्टी एक अनियंत्रित गिरोह के लिए लिए स्वर्ग बन गई है। पार्टी का नेतृत्व भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद और तानाशाही के साथ पर्यायवाची हो गई है।
आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने अरविंद केजरीवाल को भेजे पत्र में लिखा कि आम आदमी पार्टी जिस ईमानदार विचारधारा पर बनी थी उससे पार्टी भटक चुकी है। आम आदमी पार्टी की दुर्दशा देखकर मन बहुत दुखी है। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए।
कस्तूरबा नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक मदन लाल ने केजरीवाल को भेजे इस्तीफे में कहा है कि अब उनका पार्टी में विश्वास नहीं रहा। महरौली के विधायक नरेश यादव ने भी पार्टी पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया है।
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