राष्ट्रीय अस्मिता, स्वाभिमान और सांस्कृतिक संप्रभुता का पर्व है स्वतंत्रता दिवस : भड़ाना

शहीद अविनाश माहेश्वरी आदर्श विद्या निकेतन में मनाया स्वतंत्रता दिवस
अजमेर। शहीद अविनाश माहेश्वरी आदर्श विद्या निकेतन अजयनगर में 78वां स्वतंत्रता दिवस समारोह में धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर मुख्यअथिति देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओम प्रकाश भडाना ने स्वतंत्रता आन्दोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह उस आजादी का जश्न है, जिसे हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने 200 वर्षों के संघर्ष के बाद प्राप्त किया था। इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों में जकड़ी भारत मां को मुक्ति मिली थी। और अपने स्वयं के भविष्य को गढ़ने का अवसर प्राप्त किया था।

यह दिन केवल ऐतिहासिक महत्व ही नहीं रखता बल्कि हमारे सामूहिक गर्व, संघर्ष और सपनों का प्रतीक भी है। क्रांतिकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण भारत आजाद हुआ। लेकिन एक कसक हमारे सीने में आज भी है। भारत को आजादी तो मिली है लेकिन अखंड भारत नहीं मिला है। आज भी विभाजन की विभिषिका भूले नहीं भूलती। इस ऐतिहासिक भूल से भारत के केवल टुकड़े ही नहीं हुए बल्कि धर्म, क्षेत्रवाद, आतंकवाद जैसी विकराल समस्याए भी पैदा हो गई।

भडाना ने कहा की यह स्वतंत्रता हम सभी के लिए केवल एक शब्द नहीं है; यह हमारी आत्मनिर्भरता, हमारी संस्कृति, और हमारे सपनों का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमने किस प्रकार की चुनौतियों का सामना किया और कैसे हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर भारत माता को आज़ाद किया। उनके अदम्य साहस, तपस्या और समर्पण के कारण ही आज हम एक स्वतंत्र और गणतंत्र देश में सांस ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकार हमें आत्म-संप्रभुता और समानता का एहसास कराते हैं। लेकिन, इन अधिकारों के साथ ही हमारे कर्तव्यों की भी जिम्मेदारी आती है। हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान और कानून का पालन करें, समाज में सहयोग और एकता की भावना बनाए रखें, पर्यावरण की रक्षा करें। राष्ट्रहित को सर्वोपरि मान कर इसके विकास में योगदान देना ही बलिदानियों को सच्ची श्रदांजलि होगी।

आज़ादी का जश्न मनाते समय हमें मौजूदा चुनौतियों जैसे असमानता, गरीबी, अशिक्षा, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए भी कदम उठाना होगा। विद्यार्थी देश का आने वाले भविष्य हैं। मैं आशान्वित हूं की आप लोगों में से ही कुछ आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और कुछ अन्य तरह के पेशों को अपनाएंगे। लेकिन हमेशा एक बात याद रखें की आप कभी अपने सिद्धांतों से समझौता न करें और एक ईमानदार, जिम्मेदार, राष्ट्रवादी, भारतीय संस्कृति के संवाहक नागरिक के रूप में अपने जीवन को नियंत्रित कर देश को विश्वगुरु बनाने में देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्ष आदर्शों और न्याय के सिद्धांतों के साथ अपना शतप्रतिशत योगदान देंगे। आमजन से भी आग्रह किया कि जितने सजग हम अपने अधिकारों के लिए हैं उतने ही अपने कर्तव्यो के प्रति भी रहें।

इस अवसर पर विद्या भारती के जिला मंत्री जय सिंह शेखावत, विद्यालय सचिव संजय श्याम, भारतेश मंगल, विद्यालय स्टाफ सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। प्राचार्य राजेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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