इस वर्ष 8000 फर्जी सोशल मीडिया हैंडल की पहचान : आरआर स्वैन

जम्मू। जम्मू-कश्मीर पुलिस केवल बंदूकधारी आतंकवादियों के खिलाफ नहीं लड़ रही है बल्कि विश्व भर में पांव जमाये सैकड़ों फर्जी सोशल मीडिया हैंडल द्वारा फैलाई जा रही झूठी कहानी या अफवाहों का भी सामना कर रही है। वर्ष 2023 में 8000 फर्जी हैंडल की पहचान की गई जिनका काम जम्मू-कश्मीर में माहौल को भड़काना और आतंकवाद को ग्लैमराइज करना था।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई केवल आतंकवादियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन अफवाहों के भी खिलाफ है जो सैकड़ों फर्जी सोशल मीडिया हैंडल द्वारा फैलाई जा रही है, जिनमें से 8000 फर्जी सोशल मीडिया हैंडल-फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम की पहचान 2023 में की गई। उनके हैंडलर दुनिया भर में बैठे हैं और उनके इसका उद्देश्य समस्याएँ भड़काना और आतंकवाद का महिमामंडन करना है। वे गलत जानकारी मांगते हैं।

उन्होंने कहा कि असली और नकली में अंतर करने के बाद हम कानून के दायरे में उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। हम उनके खिलाफ आईटी एक्ट 61 के तहत कार्रवाई करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम इंटरपोल के जरिए उन्हें पकड़ लेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 नार्को-आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का गवाह बनेगा। उन्होंने कहा कि नार्को-आतंकवाद, अलगाववाद और आतंकवाद के बीच संबंधों को 2023 में पहले ही ख़त्म कर दिया गया था।

स्वैन ने कहाकि कश्मीर- जम्मू से लेकर पंजाब और दिल्ली तक नार्को-आतंकवाद के संबंध पाए गए हैं। संचालकों सहित कई लिंक पेरिस, कनाडा और तुर्की में पाए गए। रामबन नार्को-टेरर मॉड्यूल के हालिया मामले में, मास्टरमाइंड का तुर्की में पता लगाया गया था।

डीजीपी ने कहा कि पुलिस साइबर अपराध को लेकर सजग है और सच तो यह है कि यह अपराध कम रिपोर्ट किया जा रहा है और जितना पुलिस वास्तव में जानती है उससे कहीं अधिक लोगों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं और साइबर अपराधों को रोकने के लिए और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। बड़ी रकम का पता लगाया गया और उन लोगों को वापस लौटाया गया, जिन्हें इंटरनेट धोखाधड़ी तथा डिजिटल दुनिया धोखाधड़ी के जरिए धोखा दिया गया था।

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