बजट 2023-24 : राजस्थान में अगले वित्त वर्ष में भी कोई नया कर नहीं

जयपुर। राजस्थान के वर्ष 2023-24 के बजट में भी कोई नया कर नहीं लगाने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में वर्ष 2023 -24 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि कोविड जनित आर्थिक प्रभावों के दृष्टीगत सभी वर्गो को सहायता तथा संबल प्रदान करने के लिए पिछले चार बजट प्रस्तावों की तरह आगामी वर्ष में भी कोई नया कर नहीं लगाया जायेगा। साथ ही राज्य में पंजीकृत होने वाले एक सौ सीसी तक के दुपहिया वाहनों पर वर्तमान मे देय एकबारीय कर में 50 प्रतिशत की छूट प्रस्तावित की गई है।

उन्होंने कहा कि डीएलसी दरों में हर वर्ष स्वत: होने वाली दस प्रतिशत वृद्धि को भी पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह वर्षो की आरआईपी योजनाओं का लाभ ले रही इकाईयों के लिए लाभ की अवधि को भी एक वर्ष के लिए और बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रण की दृष्टि से पेट्रोल और डीजल के वैट में भी कमी की गई है। इस प्रकार 8 हजार करोड़ रुपए वार्षिक से अधिक राहत प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि निवेश को प्रोत्साहन व अर्थ व्यवस्था के सुदृढीकरण के साथ साथ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने व समाज के वंचित वर्गो को सम्बल देने का प्रयास किया गया। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने, आरआईपीएस 2019 लाना एवं अब देश की सबसे प्रोग्रेसिव निवेश नीति आरआईपीएस-2022 लागू करना साथ ही सामाजिक सरोकार हेतु सहायता की दृष्टि से सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योजना 2021 लागू करना ऐतिहासिक कदम है।

राजस्थान में 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त

राजस्थान में घरेलू उपभोक्ताओं को अब 50 यूनिट प्रतिमाह के स्थान पर सौ यूनिट बिजली मुफ्त दी जाने की घोषणा की गई हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट पेश करते हुए यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि स्लैब के अनुसार 300 से 750 रुपए प्रतिमाह की छूट मिलती रहेगी। इससे राज्य परर सात हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसी तरह लगभग 76 लाख परिवारों को 500 रुपए में सिलेँडर उपलब्ध कराने से राज्य को 500 करोड़ रुपए व्यय करने होंगे।

उन्होंने उज्जवला योजना के अन्तर्गत गरीबों को बांटे गए गैस कनेक्शनों पर पांच सौ रूपए में सिलेंडर दिए जाने की घोषणा की। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले लगभग एक करोड़ परिवारों को प्रतिमाह मुख्यमंत्री निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट दिए जाएंगे। जिससे राजस्व पर तीन हजार करोड़ रुपए व्यय होंगे।

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