जयपुर। राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार आमजन को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
गहलोत शनिवार को जयपुर में सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के प्लेटिनम जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसी से गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन का विकास होता है। राजस्थान में 22 हजार करोड़ रूपए स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च किए जा रहे हैं जोकि बजट का 7.4 प्रतिशत है जबकि अन्य राज्यों में औसतन छह प्रतिशत बजट स्वास्थ्य पर खर्च किया जा रहा है। यह राज्य सरकार की मंशा को दर्शाता है। राज्य सरकार हर जिले में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज बनाने का कार्य कर रही है। हाल में राजसमंद, प्रतापगढ़ और जालौर में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए एक हजार करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नए उप स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतरीन नेटवर्क तैयार हुआ है। इससे अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित हुई है। साथ ही, भारत सरकार के मानकों में भी राजस्थान पहले स्थान पर पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 में शुरू हुआ सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज 75 वर्ष में चिकित्सा क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्थान बनकर उभरा है। राज्य सरकार एसएमएस मेडिकल कॉलेज में नए विभाग खोलने तथा आवश्यक उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्लेटिनम जयंती के उपलक्ष्य में कॉलेज के शुरूआती बैच के एलूमिनाइ भी उपस्थित हैं तथा कॉलेज के 75 साल की शानदार उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहे हैं। यह उनके कॉलेज से जुड़ाव को दर्शाता है।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमा राशि बढ़ाकर 25 लाख रूपए कर दी गई है। अंग प्रत्यारोपण जैसे महंगे इलाज राज्य में निःशुल्क कर दिए गए हैं। आमजन को राज्य से बाहर इलाज करवाने पर भी चिरंजीवी योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी तरह की जांचे और दवाईयां निःशुल्क कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में आईपीडी एवं ओपीडी सेवाएं निःशुल्क है। राज्य सरकार की नीतियों से लोगों को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राज्य में शानदार प्रबंधन हुआ। यहां के भीलवाड़ा मॉडल की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहना की। सभी वर्गों के उपचार के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। उन्होंने कहा कि एसएमएस चिकित्सालय की कोरोना महामारी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका रही। यहां के चिकित्सकों सहित सभी कार्मिकों ने उत्कृष्ट कार्य किया। राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सभी मेडिकल और नॉन मेडिकल कार्मिकों के लिए 50 लाख रूपए की सहायता दी गई।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार जल्द राइट टू हैल्थ बिल लेकर आ रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवसाय न होकर जनसेवा के कार्य हैं, अतः बिल का विरोध नहीं होना चाहिए। निजी अस्पतालों द्वारा भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उनकी बिल संबंधी सभी उचित शंकाओं को दूर किया जाएगा।
केंद्र सरकार कानून बनाकर दे सामाजिक सुरक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के अनुसार समाज के सभी कमजोर वर्गों की सहायता करना सरकार का कर्तव्य है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। जिस प्रकार पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा शिक्षा, भोजन और सूचना के अधिकार कानून बनाकर दिए गए, इसी प्रकार केंद्र सरकार को कानून बनाकर आमजन को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एलूमिनाइ को सम्मानित किया। इस दौरान ‘एसएमएस शिक्षा की सतत् धारा’ लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। साथ ही गहलोत ने एसएमएस ऐन्थम, प्लेटिनम जयंती स्मारिका एवं भारतीय डाक विभाग द्वारा एसएमएस कॉलेज की प्लेटिनम जयंती पर जारी स्पेशल टिकट एवं कवर का लोकार्पण भी किया।
इस मौके पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने 75 सालों में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां के विद्यार्थियों ने पूरे विश्व में अपनी चिकित्सकीय प्रतिभा का लोहा मनवाया है। एसएमएस अस्पताल में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।
आरयूएचएस के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी कहा कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षित डॉक्टर आज देश-विदेश में सेवाएं दे रहे हैं। राज्य सरकार के सहयोग से एसएमएस अस्पताल द्वारा उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं आमजन को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। एसएमएस अस्पताल में प्रतिवर्ष 60 से 70 लाख लोग ओपीडी तथा पांच से छह लाख लोग आईपीडी में निःशुल्क उपचार की सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं।
एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य राजीव बगरहट्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एसएमएस कॉलेज में लगातार नए विभाग खोले जा रहे हैं। कोरोना प्रबंधन एवं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से एसएमएस अस्पताल की अलग पहचान बनी है।