सिरोही। बीती रात से ही सोशल मीडिया पर एक ख़बर चल रही है। भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोपाल माली पर अनादरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। लेकिन, इस एफआईआर को जिस तरह से रेवदर डीएसपी, अनादरा थाना अधिकारी, अनादरा थाना, सिरोही पुलिस कंट्रोल रूम छिपाने में लगा है उससे वे ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने कुछ गलत किया है। एक एफआईआर पर पूरे पुलिस सिस्टम का एक तरह का व्यवहार ये बता रहा है कि इस प्रकरण में वे ‘मैं चुप रहूंगा’ की नीति फोलो कर रहे हैं।
रेवदर ने करवाई है। डीएसपी रेवदर इस पर अनभिज्ञता जता रहे हैं। अनादरा थाना कह रहा है कि इसके बारे में थानाधिकारी बताएंगे और थानाधिकारी कल रात को बोल रहे थे कि सुबह बताएंगे, सुबह कोर्ट में हैं। पुलिस कंट्रोल रूम जहां पर जिले भर की एफआईआर एकत्रित की जाती है। वहां रात 12 बजे ये बताया गया कि ये एफआईआर सुबह की रिपोर्ट में आएगी। सुबह ये बोले की एसपी ऑफिस भेज दी है।
वैसे पुलिस के छिपाने के बाद भी सोशल मिडिया पर जो ख़बर
सोशल मीडिया पर वायरल समाचार के अनुसार ये एफआईआर डीएसपी ने दर्ज करवाई है। रेवदर थाने में करवाई है। डीएसपी ने करवाई है ये सही है। लेकिन, ये रेवदर नहीं अनादरा थाने में दर्ज हुई है।
मामला यूं है कि भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने 9 अप्रेल को अनादरा थाना क्षेत्र में पुलिस थाने की खाल उधेड़ने का बयान दिया था। सिरोही पुलिस ने इस बयान के आधार पर गोपाल माली के खिलाफ 6 धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार अनादरा थाना क्षेत्र में 9 अप्रेल को एक धरना दिया था। उस क्षेत्र की नाबालिग बच्ची के लापता होने के मामले में दिए गए इस धरने में भाजयुमो के जिलाध्यक्ष गोपाल माली ने भाषण दिया था। इसमें उन्होंने बच्ची के कई दिनों से नहीं मिलने पर रोष जताते हुए कह दिया था कि पूरे थाने की खाल उधेड़ दूंगा।
धरने में दिए गए उनके भाषण को उन्हीं के किसी सहयोगी या धरनार्थी ने सोशल मीडिया कर वायरल कर दिया। इस धरने में गोपाल माली ने रेवदर पुलिस उपाधीक्षक को मुखातिब करने के बाद पूरे पुलिस थाने की खाल उधेड़ने की बात कही थी। ये भाषण जबरदस्त वायरल हुआ। अब 10 दिन बाद इस प्रकरण में रेवदर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
क्योंकि इस क्षेत्र के डीएसपी को भी उस धरने के दौरान चेतावनी से मुखातिब किया था, इसलिए उन्होने ही ये प्रकरण दर्ज करवाया है। इसमें गोपाल माली पर 6 धाराएं लगाई गई हैं। इनमें धारा आईपीसी 353 किसी लोक सेवक या पब्लिक सर्वेंट को उसकी ड्यूटी करने से रोकने के उद्देश्य से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग करना या इसी उद्देश्य से उस पर हमला से जुड़ी है।
आईपीसी 332 किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्यों को करने से रोकने के लिए, स्वैच्छिक नुकसान या चोट पहुंचाने से जुड़ी है। आईपीसी 186 लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने से जुड़ी है। आईपीसी 189 लोक सेवक को क्षति की धमकी देने से जुड़ी है। वहीं आईपीसी 504 शांति भंग करने के इरादे से अपमानित करने और आईपीसी 509 किसी महिला का शाब्दिक अपमान से जुड़ी है।