नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को यहां न तो गिरफ्तार किया गया और न ही हिरासत में लिया गया, हालांकि वह अपनी मर्जी से 20 समर्थकों के साथ आरके पुरम पुलिस स्टेशन पहुंचे।
यह जानकारी सागर प्रीत हुड्डा, विशेष पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था क्षेत्र दो) दिल्ली पुलिस, ने दी। हुड्डा ने कहा कि मलिक के कथित नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली नगर निगम, सेक्टर 12 आरके पुरम में एक अज्ञात तम्बू लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में स्थानीय पुलिस या भू-स्वामी को कोई सूचना नहीं दी थी। बाद में उन्हें जंतर-मंतर पर इस तरह के विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने की सलाह दी गई।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद 24 लोगों को हिरासत में लिया गया और उन्हें जाफरपुर कलां पुलिस स्टेशन भेज दिया गया।
हुड्डा ने कहा कि इसी बीच मलिक वहां आ गए और उन्हें भी इसकी जानकारी दी गई जिसके बाद वह दोपहर करीब 12.30 बजे 20 समर्थकों के साथ थाना आरके पुरम पहुंचे। वह करीब दो घंटे वहां रहे और फिर चले गए। बाद में जाफरपुर कलां थाने से उनके 24 समर्थकों को भी रिहा कर दिया गया।