मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को निर्देश दिया कि वह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के 2021 क्रूज शिप ड्रग्स केस की गिरफ्तारी से जुड़े 25 करोड़ रुपएये की फिरौती के मामले में कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे।
न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की अवकाश पीठ ने वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी द्वारा कोर्डेलिया क्रूज ड्रग मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका के जवाब में यह निर्देश दिया।
आदेश पारित करते हुए अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत एक रोक है, जिसमें कथित अपराध के चार महीने के भीतर जांच करने की आवश्यकता है, जो 2021 में हुआ था।
अदालत ने वानखेड़े और उनके वकील रिजवान मर्चेंट का एक हलफनामा भी दर्ज किया कि वानखेड़े शनिवार को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय में सुबह 11 बजे पेश होंगे। अपनी याचिका में जिसका शुक्रवार को उल्लेख किया गया था और तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, वानखेड़े ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई बदले की कार्रवाई है।
सीबीआई ने पिछले शुक्रवार को वानखेड़े, एनसीबी के तत्कालीन अधीक्षक विश्व विजय सिंह और आशीष रंजन, एनसीबी की मुंबई जोनल इकाई के तत्कालीन खुफिया अधिकारी, साथ ही भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत निजी व्यक्तियों केपी गोसावी, सैनविल डिसूजा और अज्ञात व्यक्तियों के साथ के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
बुधवार को वानखेड़े ने सीबीआई के समन पर रोक लगाने और स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए एजेंसी को निर्देश देने और कुछ व्यक्तियों के खिलाफ की गई शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका वापस ले ली।