उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्रावण मास में देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक स्तर पर तैयारिया शुरु कर दी गई है। भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में चार जुलाई से प्रवेश पर पूरी तरह पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा। आगामी दो माह के लिए गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
महाकालेश्वर मंदिर के समीप महाकाल लोक बनने के बाद देश के विभिन्न प्रांतों से यहां आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। श्रावण महीने में भगवान शिव की पूजा के महत्व के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है। मंदिर में इस बार 4 जुलाई से 11 सितंबर तक श्रावण महोत्सव मनाया जाएगा।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने निर्णय लिया है कि 4 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास में महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में दर्शन पर प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही 1500 रुपए के जलाअभिषेक की रसीद भी बंद रहेगी। मंदिर में श्रद्धालुओं के सरलता से दर्शन के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं की जा रही है। श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान के दर्शन हो सके। इस बार श्रावण भादो महीने में चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था की है। जिसमें श्रद्धालु बिना पंजीयन के चलित रूप से बिना रुके भस्म आरती दर्शन कर सकेंगे।
इसके अलावा पहले से अनुमति प्राप्त कावड़ यात्री शनिवार रविवार एवं सोमवार को छोड़कर मंगलवार से शुक्रवार तक द्वार क्रमांक 1 अथवा 4 से मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश करेंगे। प्रत्येक सोमवार को परंपरागत तरीके से निकलने वाली सवारी में भजन मंडलिया ही सम्मिलित होगी। इन मंडलियों को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
मंदिर प्रबंध समिति ने बताया कि अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव के तहत कलाकार प्रत्येक शनिवार को प्रस्तुति देंगे। अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव में कुल 30 कलाकारों के नामों का अनुमोदन किया गया है।