चेन्नई। तमिलनाडु की एक अदालत की ओर से मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटे बाद अभी न्यायिक रिमांड पर रहे और प्रर्वतन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार राज्य के मंत्री वी सेंथिलबालाजी को (ईडी) ने धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर प्रधान सत्र न्यायालय ने ईडी को सेंथिलबालाजी से पूछताछ करने की मंजूरी दे दी। ईडी अधिकारियों ने पीएसजे के आदेश की प्रतियां पुझल जेल अधिकारियों के समक्ष पेश कीं और सेंथिलबालाजी को हिरासत में ले लिया। ईडी मंगलवार से 12 अगस्त तक सेंथिलबालाजी से पूछताछ करेगी।
कोरोनरी बाईपास हार्ट सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे सेंथिलबालाजी को मेडिकल जांच के बाद शास्त्री भवन स्थित ईडी कार्यालय ले जाया गया। इस भवन में विभिन्न केंद्र सरकार के कार्यालय हैं। इसी भवन में सेंथिलबालाजी से अगले पांच दिनों तक पूछताछ की जाएगी।
ईडी अधिकारियों की एक टीम ने पुझल जेल अधिकारियों को हिरासत देने के पीएसपी कोर्ट के आदेश की प्रतियां पेश कीं जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सेंथिलबालाजी को सशस्त्र केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों की मौजूदगी में वाहनों के काफिले में ईडी कार्यालय ले जाया गया।
सेंथिलबालाजी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, जिसने मंत्री को लंबी यात्रा करने से मना किया हुआ है, ईडी ने उन्हें उन स्थानों पर ले जाने के बजाय शहर में अपने कार्यालय में पूछताछ करने का फैसला किया, जहां ईडी और आयकर (आईटी) अधिकारी मई के तीसरे सप्ताह से छापेमारी कर रहे थे और कुछ महत्वपूर्ण सुराग जब्त किए थे।
जब्त सामानों में नकदी, कीमती सामान, संपत्ति दस्तावेज, बेनामी लेनदेन, हार्ड डिस्क और अन्य सामग्री सहित आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल थे। उनसे जुड़े स्थानों से साक्ष्यों में उनके मूल गांव करूर में उनके ‘फरार’ भाई वी अशोक भी शामिल हैं, जो उन्हें समन जारी होने के बावजूद पूछताछ के लिए अभी तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं।
इससे पहले मंत्री की पत्नी एस मेगाला की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपील को खारिज करने और पूछताछ के लिए ईडी को आठ से 12 अगस्त तक पांच दिन की हिरासत की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ईडी ने यहां प्रधान सत्र न्यायाधीश एस.अली के समक्ष एक याचिका दायर कर सेंथिलबालाजी को हिरासत में लेने की मांग की।
मंत्री की चूंकि बाइपास सर्जरी हुई थी और वह पुझल सेंट्रल जेल अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे, इसलिए ईडी ने अदालत को आश्वासन दिया कि हिरासत में पूछताछ की अवधि के दौरान उनकी स्वास्थ्य स्थिति का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाएगा।
याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने ईडी को उन्हें पुझल सेंट्रल जेल से पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की अनुमति दी और उन्हें 12 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने पेश करने का भी निर्देश दिया।
इससे पहले दिन में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने सेंथिलबालाजी और उनकी पत्नी की अपील को खारिज कर दिया जिसमें मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें उन्हें हिरासत में लेने की ईडी की शक्ति को बरकरार रखा गया था।
शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए कि मंत्री की गिरफ्तारी में कोई अवैधता नहीं है यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई जा सकती। शीर्ष अदालत की पीठ ने यह भी माना कि रिमांड के न्यायिक आदेश के बाद कोई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर नहीं की जा सकती है और अपील को खारिज कर दिया जबकि ईडी को आठ से 12 अगस्त तक मंत्री की पांच दिन की हिरासत की अनुमति दे दी।