नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को राहत पहुंचाने एवं उन्हें अपने ऋण के लिए ब्याज दरों के विकल्प के चयन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से फिक्स्ड दरों पर कर्ज लेने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद गवर्नर शक्तकांत दास ने आज बयान जारी करते हुए कहा कि केन्द्रीय बैंक द्वारा की गई पर्यवेक्षी समीक्षा और जनता से मिली प्रतिक्रिया एवं संदर्भों से उधारकर्ताओं को उचित सहमति और संचार के बिना उधारदाताओं द्वारा फ्लोटिंग रेट ऋणों की अवधि को अनुचित रूप से बढ़ाने के कई मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी ऋण देने वालों द्वारा लागू किए जाने वाले एक उचित आचरण ढांचे को स्थापित करने का प्रस्ताव है जिसमें ऋणदाताओं को अवधि या ईएमआई को रीसेट करने के लिए उधारकर्ताओं के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करना चाहिए, फिक्स्ड दर ऋण पर स्विच करने या ऋणों को बंद करने का विकल्प प्रदान करना चाहिए।
इन विकल्पों के प्रयोग के लिए प्रासंगिक विभिन्न शुल्कों का पारदर्शी खुलासा करना चाहिए और उचित संचार करना चाहिए। उधारकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी जारी की जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।