कोटा। राजस्थान का कोचिंग सिटी कहे जाने वाला कोटा अभी नीट की तैयारी कर रहे रामपुर (उत्तर प्रदेश) से आए कोचिंग छात्र मनजोत सिंह छाबड़ा की संदिग्ध मौत के सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि गुरुवार रात को कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी।
कोटा में गुरुवार रात जिस छात्र मनीष प्रजापति (17) ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की, वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला था और करीब छह माह पहले ही कोचिंग के लिए कोटा आया था। कल रात को करीब आठ बजे अपने कमरे में लौटा था।
इसके पहले उसके पिता संतोष प्रजापति कोटा आए हुए थे और उससे मिलने के बाद गुरूवार तीसरे पहर ही रेलगाड़ी से आजमगढ़ के लिए रवाना हुए थे। इसी बीच कल रात फांसी का फंदा लगाकर पुत्र के आत्महत्या कर ली तो इस बारे में सूचना मिलने पर उसके पिता बीच रास्ते से ही वापस कोटा लौट आए।
इसके एक सप्ताह पहले बीते शुक्रवार की रात को किसी समय बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले एक कोचिंग छात्र बार भार्गव मिश्रा (17) ने कोटा के महावीर नगर तृतीय में एक निजी आवास में पेइंग गेस्ट की हैसियत से रहने वाले कोचिंग छात्र भार्गव मिश्रा ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली इस घटना का पता बीते सप्ताह में शुक्रवार रात उस समय लगा जब इस छात्र ने रात को करीब नौ बजे उसकी मां का फोन कॉल नही उठाया।
कोटा में कोचिंग छात्रों के लगातार आत्महत्या करने के बावजूद कोटा पुलिस ने दो-तीन दिन पहले ही यह दावा किया था कि कोटा में जिन भी कोचिंग छात्रों ने अपनी शिकायतें पुलिस के पोर्टल पर की है, उनमें से दो को छोड़कर बाकी का निस्तारण कर दिया गया है।