नई दिल्ली। विश्वबंधुत्व की सीख देकर सभी का समावेश करने वाले सनातन धर्म की डेंगू, मलेरिया, कोरोना, एड्स तथा कुष्ठरोग जैसे रोगों से तुलना कर सनातन धर्म को नष्ट करने की बात करने वाले तमिलनाडु के खेलमंत्री उदयनिधि स्टालिन, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खर्गे तथा द्रमुक सांसद ए राजा ने पूरे देश के करोडों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत की हैं। वे सभी अपने वक्तव्यों पर दृढ हैं। इस कारण पूरे देश के हिन्दुओं में रोष व्याप्त है।
ऐसे में जरूरी है की ऐसे वक्तव्य दने वालों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 153(A), 153(B), 295(A), 298, 505 तथा आईटी एक्ट के अंतर्गत तत्काल अपराध प्रविष्ट किया जाए। इन सभी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए। यह मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर की है साथ ही कार्रवाई न होने पर पूरे देश में तीव्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
देश के विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की बैठक मुंबई में होने के उपरांत उसमें सम्मिलित कुछ दलों में सनातन धर्म को लक्ष्य करने की होड लगी हुई है। करोडों हिन्दुओं की श्रद्धा पर आघात कर देश की एकता, अखंडता तथा शांति को संकट में डाला जा रहा है। मंत्री और सांसद जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन विभिन्न जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार के वक्तव्य करना, लोकतंत्र की हार है।
क्या इस प्रकार से इस्लाम, ईसाई आदि धर्माें के विषय में वक्तव्य करने का साहस इन राजनीतिक दलों में अथवा उनके नेताओं में है? बार-बार भडकाऊ वक्तव्य कर हिन्दुओं को लक्ष्य करनेवाले इन कानून-द्रोही जनप्रतिनिधियों को केवल मंत्रीमंडल से नहीं, अपितु विधानसभा एवं संसद से भी हटा देना चाहिए। सामान्यतः हिन्दुओं के विरोध में तत्परता से हेट स्पीच के अपराध प्रविष्ट करने के आदेश पुलिस को दिए जाते हैं परंतु अनेक दिनों से अत्यंत निचले स्तर पर सनातन धर्म के विषय में वक्तव्य किए जा रहे हैं, तब भी न तो प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है, न ही सर्वाेच्च न्यायालय इस विषय में ‘सु मोटो’ संज्ञान ले रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस प्रकार से धार्मिक तनाव निर्माण करने वाले नेताओं पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें दंड नहीं दिया गया, तो देश की शांति, एकता और अखंडता संकट में पड जाएगी साथ ही देश में दंगे फैलाकर अराजकता निर्माण करने में ये आरोपी सफल हो जाएंगे। यदि ऐसा हुआ, तो इसके जिम्मेदार पुलिस तथा प्रशासन ही होंगे।