अजमेर। नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग को लेकर राज्यभर में पशु-चिकित्सकों ने एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार किया। अपने अपने जिला मुख्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन भी किया।
राजस्थान पशु-चिकित्सक संघ अजमेर के महासचिव डॉ आलोक खरे ने बताया कि अजमेर जिले के सभी पशु चिकित्सकों ने बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय शास्त्री नगर में धरना, प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर पशु-चिकित्सकों के अलावा बड़ी संख्या में गौशाला संचालक, गौभक्त तथा पशुपालक भी पशु चिकित्सकों को समर्थन देने के लिए पहुंचे।
गौशाला संचालकों ने कहा कि 25 सितम्बर तक गौशालाओं का भौतिक सत्यापन किया जाना है और प्रथम चरण में 4 महीने की अनुदान राशि के भुगतान की आवश्यकता है। अगर अनुदान राशि नहीं मिलती है तो इनके चारे पानी की व्यवस्था मुश्किल हो जाएगी। मुख्यमंत्री व गोपालन मंत्री को पशु-चिकित्सकों की मांग पर अविलंब संज्ञान लेना चाहिए।
गौभक्त मंजू शर्मा ने कहा कि हमने धरातल पर पशु चिकित्सकों को फ़ील्ड में विकट परिस्थितियों में भी काम करते हुए देखा है। इसलिए हम पशु-चिकित्सकों की मांग का समर्थन करते हैं। पशुपालकों ने भी सरकार से मांग की कि पशु-चिकित्सकों की एनपीए की बहुप्रतीक्षित मांग पर सरकार को विचार करते हुए तुरंत प्रभाव से घोषणा करनी चाहिए।
सभा को डॉ दीपक गुप्ता, डॉ रचना जैन, डॉ अजय मिश्रा, डॉ सुनील घिया, डॉ भूपेंद्र चौधरी, डॉ भोपेंद्र कटारिया, डॉ रफीक खान, डॉ नीतू अरोड़ा, डॉ भावना दहिया, डॉ सुनील शर्मा, डॉ मनोज माथुर, डॉ जावेद हुसैन आदि ने संबोधित किया।
डॉ आलोक खरे ने अवगत करवाया कि राज्य के पशु चिकित्सकों ने सरकार द्वारा नान प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) स्वीकृत नहीं किए जाने तक सम्पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। राज्य के सभी पशु चिकित्सक दिनांक 18 सितम्बर सोमवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।