जयपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संचार) एवं सांसद जयराम रमेश ने राजस्थान विधानसभा आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं होना एवं गलत प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह चुनाव में जनता का जनादेश पाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ध्रुवीकरण का सहारा ले रही है।
रमेश शनिवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों तथा आगे के पांच वर्षों में कांग्रेस पार्टी क्या करेगी, उसके आधार पर हम जनता के बीच जाकर जनादेश मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास दो हथियार है, एक ईडी और सीबीआई जिन पर दो दिन दीवाली का ब्रेक रहेगा तथा दूसरा हथियार धु्रवीकरण है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद आरोप लगा रहे हैं और गलत प्रचार कर रहे हैं जिसका मैंने खंडन भी किया है।
उन्होंने मोदी के बड़े बड़े मगरमच्छ को भी नहीं बख्शने के बयान पर पलटवार करते हुए उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी का बिना नाम लिए कहा कि चार घंटे में एक मगरमच्छ पकड़ा गया था और वह भी भाजपा का कार्यकर्ता था। उन्होंने कहा कि यही इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुद्दे हैं।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राजथान में कांग्रेस पार्टी अपने कामों एवं जनकल्याणकारी कार्यों के आधार पर जनता से वोट मांग रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा राजस्थान में किये गये लोककल्याणकारी कार्यों के आधार जनता के आशीर्वाद से प्रदेश में पुन: कांग्रेस की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में पांच गारंटियां दी थी उसी के अनुभव के आधार राजस्थान में सात गारंटी दे रहे हैं और कांग्रेस की सरकार रिपीट होने के बाद पहली कैबीनेट बैठक से ही इस पर काम शुरु हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राजस्थान जरूर आएंगे, जबकि कर्नाटक की जनता ने इस तरह के भाजपा के मुद्दों को नकार दिया है और यहां भी जनता ठुकराएगी। उन्होंने कहा कि जनता भय की राजनीति से, दंगे की राजनीति से और प्रतिशोध की राजनीति से पीड़ित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सभी राज्यों के लिये गुजरात मॉडल का जिक्र हमेशा करते हैं, पर पिछले पांच वर्षों के लिए हम कह सकते हैं कि राजस्थान मॉडल जिसमें चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सबसे बड़ी बात है, किसी भी राज्य में 25 लाख का बीमा होना बड़ी बात है।
रमेश ने कहा कि राजस्थान एकमात्र राज्य हैं जहां शहरी रोजगार गारंटी कानून बना, पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के समय मनरेगा बना था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गिग वर्कर के लिए सुरक्षा का कानून बना, 500 रूपए में गैस सिलेण्डर वाला पहला राज्य बना, किसानों की कर्ज माफी हई, 100 यूनिट तक बिजली माफ तथा लम्पी से पीडि़त परिवारों को 40 हजार रूपए तक का मुआवजा दिया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, कांग्रेस पार्टी ने पांच साल के लिए सात गारंटी दी है, गारंटी का मतलब है कि कांग्रेस पार्टी इसे पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने एक महीने के अंदर पांच गारंटी दी थी जो उन्होंने पूरी कर दी और उसी के अनुभव के आधार पर कांग्रेस पार्टी प्रदेश में पुन: सरकार बनने पर पहली कैबीनेट बैठक से ही गारंटियों को लागू करना शुरू कर देगी।
उन्होंने के कहा कि प्रधानमंत्री जो प्रचार कर रहे हैं उनके प्रचार में थकावट दिखाई देती है, बौखलाए हुए हैं, इसलिए तुष्टीकरण पर आरोप लगा रहे हैं, महिला अत्याचार की बात कर रहे हैं कि कार्यवाही नहीं हो रही है, ये सब बेबुनियाद बाते है, यह झूठ है और भाजपा वाले झूठ के सिवा कुछ नहीं कहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजस्थान सरकार ने जो काम किए हैं उसके बारे में कुछ नहीं कहेंगे और प्रधानमंत्री के पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार की बात करते हैं, आदिवासियों पर अत्याचार की बात करते हैं जिसमें सबसे नम्बर वन मध्यप्रदेश है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा किया जा रहा झूठा प्रचार नहीं चल पाएगा, हिमाचल और कर्नाटक के नतीजे इस बात को सिद्ध करते हैं।
रमेश ने कहा कि कुछ नीतियां केन्द्र सरकार की होती है जिसका असर राज्य सरकार पर भी होता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के समय में विपक्षी पार्टियों की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव होता है जबकि यूपीए के समय में किसी भी राज्य से भेदभाव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में पांच साल राजस्थान की सरकार के साथ भेदभाव हुआ है जो राजस्थान की जनता के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार पिछले तीन साल से ईआरसीपी को लेकर केन्द्र सरकार को खत लिख रही है लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ और जल संसाधन मंत्री राजस्थान के होने के बावजूद इस पर रोडे अटका रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई है, इससे 80 करोड़ भारतवासियों को फायदा पहुंच रहा है, यह योजना सितम्बर, 2013 में डॉ. मनमोहन सिंह के समय में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया गया था जिसका दो साल तक मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते विरोध किया था तथा बाद में जब कोविड आया तो यही कानून काम का निकला, जिसका नाम बदल दिया गया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अब इस कानून को पांच साल और बढ़ा दिया है जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग पीडि़त हैं, परेशानी में है और केन्द्र सरकार को गरीबों की योजना को आगे बढ़ाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा रोजगार सृजित करने की बजाए सार्वजनिक कम्पनियों को बेचा जा रहा है जिस कारण देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है एवं लघु उद्योगों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।