कांग्रेस का चुनावी घोषणा-पत्र झूठ का पुलिंदा : गजेन्द्र सिंह शेखावत

जयपुर। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मंगलवार को जारी घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया है।

शेखावत ने यहां भाजपा प्रदेश मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कहते हुए कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 15 साल तक शासन किया और तीन बार एक ही व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया लेकिन सिवाय प्रदेश को रेप कैपिटल बनाने, किसानों की जमीनें नीलाम करने और युवाओं से पेपर लीक के नाम पर छलावा करने के कुछ भी नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2018 में भी घोषणा पत्र जारी किया था जो कि महज 44 पेज का था और इसमें कांग्रेस पार्टी ने जो वादे और घोषणा किए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं किया इसलिए अबकी बार दोगुना 85 पेज का घोषणा पत्र लेकर आए हैं। कांग्रेस ने 2023 के घोषणा पत्र के प्राक्कथन में लिखा है कि हमने 2018 के जन-घोषणा पत्र में किए गए 96 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं। इससे समझा जा सकता हैं कि झूठ की शुरूआत प्राक्कथन से ही कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के लिए जो वादे किए थे उसके प्रथम बिंदु में कहा था कि 10 दिवस में किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करेंगे लेकिन जो हुआ वह सबके सामने है। प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम की गई और सैंकड़ो किसानों ने कर्ज से तंग होकर आत्महत्या कर ली। किसानों को फसल खराबे का मुआवजा देने की बात कही थी लेकिन कोई मुआवजा नहीं दिया गया।

शेखावत ने कहा कि कांग्रेस ने कहा था कि किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलाएंगे जबकि राजस्थान के किसानों को बाजरा बेचने के लिए हरियाणा जाना पड़ा। वृद्ध किसानों को पेंशन देना किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना और गुणवत्तायुक्त बिजली उपलब्ध कराने का वादा भी पूरी तरह खोखला निकला।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने का वादा 2018 के घोषणा पत्र में किया था जिसमें पंचायत स्तर पर मेडिकल मोबाइल वैन चलाने की बात कही गई थी, इसके बाद वैन की खरीद भी की गई लेकिन अभी तक नहीं चल पाई अधिकांश वैन राजधानी जयपुर में धूल फांक रही हैं। राजस्थान को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया था और बिजली की दरें नहीं बढ़ाने का वादा किया था लेकिन आज राजस्थान में सबसे महंगी बिजली है। उन्होंने कहा कि चौबीस घंटे बिजली देने का वादा भी पूरी तरह झूठा साबित हुआ।

शेखावत ने कहा कि संविदा कर्मियों को नियमित करने का जो वादा कांग्रेस द्वारा किया गया था वह भी पूरी तरह खोखला निकला। ग्रामीण बस सेवा का विस्तार कर लोगों को सस्ते दर पर ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिल सके इसको विस्तृत करने का वादा किया गया था। राजस्थान में रोडवेज बसों की संख्या पहले से कम है और इन पांच सालों में कोई बस नहीं खरीदी गई। बजरी खनन रोकने, पार्किंग व्यवस्था का समाधान करने का वादा किया था, लेकिन जनता के बीच जाकर पता करेंगे तो पता चलेगा की किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा आज नशे और ड्रग्स की लत में जकड़ा जा चुका है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। महिला सुरक्षा और बाल संरक्षण की दिशा में काम करेंगे और महिलाओं की सुरक्षा के लिए 24 घंटे हेल्प कॉल सेंटर की स्थापना करेंगे जबकि आज ये सेंटर कहीं भी अस्तित्व में नहीं है। राजस्थान में 35 हजार महिलाओं के साथ बलात्कार हुए 15 हजार से ज्यादा नाबालिगों के साथ दरिंदगी की गई सैकड़ो की हत्या की गई लेकिन सरकार महिलाओं की सुरक्षा में पूर्ण रूप से विफल रही है। हर जिले में महिला आईटीआई की स्थापना भी विफल रही।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2023 के घोषणा पत्र में राजस्थान की कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए स्वामी नाथन रिपोर्ट की सिफारिशें लागू करने का उल्लेख किया है। राजस्थान देश में सर्वाधिक बाजरा उत्पादन करने वाला प्रदेश है गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश प्रमुख रूप से बाजरे का उत्पादन करने वाले प्रदेश हैं।

मध्यप्रदेश गुजरात और हरियाणा तीनों में केन्द्र सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री आशा योजना के तहत राज्य सरकारों ने भारत सरकार को पत्र लिखकर अपने यहां से खरीद करने के लिए प्लेटफार्म प्रोवाइड करवा कर बाजरे की खरीद की। वहीं राजस्थान में यह खरीद नहीं हो पाई और आज ये लोग स्वामीनाथन रिपोर्ट का ढकोसला दिखा रहे हैं। इसका खामियाजा यह हुआ कि शेष राज्यों को 2575 रूपए एमएसपी मिली राजस्थान के लोगों को 1300 रूपए प्रति क्विंटल में बाजरा बेचना पड़ा।

शेखावत ने कहा कि कांग्रेस ने चिरंजीवी योजना को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने की घोषणा की है। जब इन लोगों ने 5 लाख से 10 लाख की घोषणा की थी तब विधानसभा में यह प्रश्न किया गया कि कितने लोगों को इसका लाभ मिला तो यह संख्या 300 से भी कम थी। वहीं जब 10 लाख से ज्यादा बीमा की सुविधा मिलेगी तो उस बीमा राशि का पैसा मुख्यमंत्री के फंड से मिलेगा और यह मुख्यमंत्री के विवेक पर होगा जो विषय मुख्यमंत्री के विवेक अधिकार का विषय हो उसे एक स्कीम के तरह दर्शाना छलावा है क्योंकि यदि सीएम तय करेंगे तो फिर यह एक करोड़ भी हो सकती है।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी किया अपना घोषणा पत्र