भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा कुल 230 में से महज 66 सीटें जीतने के बीच एक पहलू ये भी है कि इनमें से 10 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्होंने एक हजार से भी कम मतों के अंतर से अपने निकटतम भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों को हराया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हरदा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ रामकिशोर दोगने ने महज 870 मतों से राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल को शिकस्त दी। पटेल राज्य के कद्दावर मंत्रियों में से एक रहे हैं। डॉ दोगने को कुल 94 हजार 553 मत हासिल हुए।
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के आदिवासी नेता बाला बच्चन की सीट भी इस बार बहुत कम मतों के अंतर से उनकी झोली में आई। राजपुर से कांग्रेस प्रत्याशी बच्चन को हालांकि एक लाख 333 मत मिले, लेकिन उनकी जीत का अंतर महज 890 मतों का रहा। मनावर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ हीरालाल अलावा भी बहुत कम मतों से जीत हासिल करने वालों में शामिल रहे।
उन्होंने 708 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्हें कुल 90 हजार 229 वोट प्राप्त हुए। इसी श्रेणी में महिदपुर से कांग्रेस विधायक चुने गए दिनेश जैन का भी नाम शामिल है। उन्होंने सिर्फ 290 वोटों से जीत हासिल की।
पार्टी प्रत्याशी केशव देसाई भी एक हजार से भी कम मतों से जीतने वालों में शामिल रहे। गोहद से प्रत्याशी श्री देसाई ने मात्र 607 वोटों से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को हराया। सेमरिया से अभय मिश्रा भी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 637 मतों के अंतर से जीत दर्ज करा सके।
बैहर से संजय उइके ने 551 वोटों से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया। वारासिवनी से विवेक पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से सिर्फ एक हजार तीन मत ज्यादा पाए। उन्हें कुल 79 हजार 597 मत मिले। टिमरनी से कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत शाह को 76 हजार 554 मत मिले। वे अपने विरोधी से मात्र 950 मत ज्यादा पा सके।
भीकनगांव की कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी हालांकि इस बार फिर इस सीट से विधायक चुनी गईं, लेकिन उन्होंने सिर्फ 603 मतों से जीत हासिल की।
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