जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों शूटर सहित अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने रविवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस मामले के दोनों शूटर रोहित राठौड़ एवं नितिन फौजी और फरारी के दौरान इनकी मदद करने वाले आरोपी उदम सिंह सैन को शनिवार देर रात चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें राजस्थान लाया गया है तथा उनसे पूछताछ की जा रही है।
जोसेफ ने बताया कि गत पांच दिसंबर को गोगामेड़ी की हत्या के बाद ये दोनों शूटर जयपुर शहर से फरार होने में सफल हो गए थे। इसके बाद आरोपियों को चिह्नीकरण एवं दस्तयाब करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी लेकिन पुलिस को कुछ तकनीकी इनपुट मिले और उसकी मदद से उनका सुराग ढूंढते हुए पुलिस ने उनका पीछा किया लेकिन सात दिसंबर तक पुलिस टीम दोनों आरोपियों से छह या आठ घंटे पीछे थी।
इस बीच एसआईटी के पास अहम सूचना मिली कि आरोपियों को डीडवाना में देखा गया है। इससे पहले इन आरोपियों को जयपुर शहर में अन्य लोगों द्वारा क्या सुविधाएं दी गई, ये कहां कहां गए, कहां रुके, कहां खाना खाया और कौन से वाहन का उपयोग किया गया इन सबका अनुसंधान किया गया जो रिकार्ड में आ गया। इससे भी मदद मिली और आरोपियों को पकड़ने का काम भी जारी रहा।
उन्होंने बताया कि दोनो शूटर डीडवाना से एक टैक्सी लेकर सुजानगढ़ पहुंचकर वहां से दिल्ली जाने वाली वाल्वो बस में सवार हो गए और बाद में धारुहेड़ा उतरकर ऑटो के माध्यम से रेवाड़ी रेलवे स्टेशन जाकर शाम करीब 4:40 बजे रवाना होकर हिसार पहुंच गए जहां उदम सिंह निवासी हिसार के साथ टैक्सी लेकर मनाली पहुंचे और वहां दो दिन होटल में रुके और नौ दिसंबर सायं करीब पांच-छह बजे चंडीगढ़ आ गए और वहां होटल कमल पैलेस सैक्टर 22 ए में रुके। इस दौरान रात करीब आठ बजे तीनों को पकड़ लिया गया।
जोसेफ ने बताया कि पुलिस का अब मकसद इस हत्याकांड के पीछे जिसका हाथ है और जिसने यह तैयार किया है उन तक पहुंचना और उन्हें कानून के सामने लाने का है। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले की सभी सूचनाओं को कड़ी से कड़ी जोड़ने का काम कर रही है और इस मामले को एनआईए को सौंपने से पहले यह सारा काम कर लिया जाएगा।
जोसेफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद ही इस हत्याकांड के मकसद आदि के बारे में जो सामने आएगा वह बताया जाएगा। अब तक पुलिस के गैंगस्टर रोहित गोदारा तक नहीं पहुंच पाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सही है कि पुलिस अब तक रोहित गोदारा तक नहीं पहुंच पाई लेकिन अब पहुंचने वाली है। उन्होंने बताया कि इस हत्याकांड मामले में पांच से अधिक आरोपी हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर घटनाक्रम में उपयोग लिए गए हथियार बरामद किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस मामले में जयपुर शहर में आरोपियों की मदद करने के आरोप में हरियाणा के महेन्द्रगढ़ निवासी रामवीर जाट को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और रविवार को उसे यहां अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए आठ दिन की पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है।
उन्होंने इस मामले में गठित एसआईटी टीम में शामिल अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये लोग आरोपियों को पकड़ने में जी जान लगा दी और पिछले पांच दिनों में पांच-छह घंटे से ज्यादा नहीं सो पाए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए जयपुर शहर, धारुहेडा, हिसार एवं चंडीगढ़ आदि में राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली पुलिस की टीमों द्वारा 500 से 700 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया।
एसआईटी के प्रभारी एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) दिनेश एमएन ने बताया कि शूटर नितिन फौजी हरियाणा में भी वांछित था वहां भी इसकी तलाश की जा रही थी। जब ये दोनों शूटर डीडवाना से सुजानगढ़ पहुंचे और वहां नोखा से दिल्ली जा रही बस से धारुहेड़ा उतर गए तब उनका लोकेशन दिल्ली का आने पर दिल्ली पुलिस से संपर्क किया गया और तब सीसीटीवी कैमरों से पता चला कि वे हिसार गए हैं। इसके बाद वे हिमाचल से मंडी गए फिर चंडीगढ़ पहुंचे।
जोसेफ ने बताया कि गोगामेड़ी हत्याकांड में पकड़े गए आरोपियों में शूटर नितिन फौजी (23) निवासी दोगड़ा जाट गांव थाना कनीना, जिला महेन्द्रगढ़ हरियाणा हाल लेसनायक 19 जाट रेजिमेन्ट अलवर, दूसरा शूटर रोहित सिंह राठौड़ निवासी जुसरी, थाना मकराना, नागौर हाल सुन्दर नगर झोटवाड़ा जयपुर एवं एक अन्य इनका साथी उदम सिंह निवासी वार्ड नम्बर सात रोदकला हिसार, हरियाणा तथा जयपुर में पकडा गया रामवीर जाट महेन्द्रगढ़ हरियाणा का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि भवानी सिंह उर्फ रोनी निवासी पहाड़वास जिला महेन्द्रगढ़, राहुल कोथल निवासी कोथल खुर्द जिला महेन्द्रगढ़ एवं नितिन फौजी निवासी गांव दोगड़ाजाट जिला महेन्द्रगढ़ आपस में मित्र है। गत सात नवंबर को नितिन फौजी दो दिन की छुट्टी पर गांव आया था। ये तीनों एक विवाद को सुलझाने के लिए खुडाणा गांव गए थे लेकिन वहां झगड़ा हो जाने के कारण पुलिस आ गई।
इस पर भवानी सिंह अपने साथियों के साथ वहां से भागते समय पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी, जिसके संबंध में थाना सदर महेन्द्रगढ़ पर मुकदमा दर्ज हो गया था। इस मुकदमें मे गिरफ्तारी से बचने के लिए नितिन फौजी, राहुल कौथल दस नवंबर को हिसार चले गए और पांच-छह दिन बाद में भवानी सिंह भी इनके पास हिसार आ गया। इनके रूकने की व्यवस्था उदम नाई निवासी हिसार ने की।
उन्होंने बताया कि भवानी सिंह पहले से ही रोहित गोदारा एवं विरेन्द्र चारण के सम्पर्क में था। भवानी सिंह उर्फ रोनी ने रोहित गोदारा एवं विरेन्द्र चारण से नितिन फौजी की मोबाईल पर बात करवाई और उसे जयपुर में एक व्यक्ति को मारने के लिए तैयार किया गया। भवानी सिंह ने 28 नवंबर को नितिन फौजी को टैक्सी से जयपुर भिजवाया। नितिन फौजी को रूकने के स्थान, हथियार एवं वाहन उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति को दो दिन पूर्व ही चिह्नित कर लिया गया है और इस संबंध में पृथक से अनुसंधान जारी है।
जोसेफ ने बताया कि पांच दिसंबर को नितिन फौजी अजमेर रोड पर रोहित राठौड़ से मिला। इन दोनों को नवीन शेखावत स्कॉर्पियों में बैठाकर यहां से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मकान पर ले गया। बैठक में बातचीत के दौरान दोनों शूटर्स ने अंधाधूंध फायरिंग कर गोगामेड़ी एवं नवीन शेखावत की हत्या कर दी तथा तीसरे व्यक्ति अजीत सिंह को घायल कर दिया। फरार होते समय एक स्कूटी सवार को भी गोली मारकर घायल कर दिया।
उन्होंने बताया कि नितिन फौजी के पास एक जिगाना पिस्टल एवं एक मैग्जीन थी जिसमें 20 राउण्ड थे, इसके अलावा दूसरी पिस्टल 30 एवं उसकी एक मैग्जीन जिसमें 15 राउण्ड थे। शूटर रोहित राठौड़ के पास एक पिस्टल एवं उसकी एक मैग्जीन जिसमें 13 राउण्ड थे।