रामपुर। रामपुर की पूर्व सांसद और सिने अभिनेत्री जयाप्रदा आचार संहिता के दो मामलों में सोमवार को भी विशेष अदालत में पेश नहीं हुई जिसके बाद अदालत ने उन्हें गिरफ्तार कर हाजिर करने का आदेश पुलिस प्रशासन को दिया है।
अदालत ने इसके साथ ही सिने अभिनेत्री की जमानत देने वालों को भी नोटिस जारी किया है। जयाप्रदा नाहटा के खिलाफ पांच बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। एमपी एमएलए कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जया प्रदा आज भी तारीख पर हाज़िर नहीं हुईं। जया प्रदा पर वर्ष 2019 में आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले विचाराधीन हैं।
जिले के स्वार थाने के गांव नूरपुर में जया प्रदा ने 19 अप्रैल 2019 को एक सड़क का उद्घाटन किया था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके आधार पर फ्लाइंग स्क्वॉड टीम के मजिस्ट्रेट-34 स्वार डा. नीरज कुमार पराशरी ने आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में लगा दी है। इसके बाद से मामले की सुनवाई लगातार एमपी- एमपीएल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। आज इस मामले में जया प्रदा को आकर अपने बयान दर्ज कराने थे।
जयाप्रदा के खिलाफ वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान ही दूसरा मामला भी दर्ज है। उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उनके खिलाफ केमरी थाने में वीडीओ कुलदीप भटनागर ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें पूर्व सांसद पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। उनके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया था, जिसकी सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इस मामले में भी जया प्रदा के खिलाफ एनबीडब्ल्यू हो चुका है।
जया प्रदा पक्ष के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि आज सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर खान स्थानीय अदालत पहुंचे। असगर खान ने दोनों मामलों में रिकॉल के लिए प्रार्थना पत्र लगाया। पत्र में मेडिकल बैकग्राउंड के आधार पर प्रार्थना की गई, लेकिन न्यायालय ने पत्र खारिज करते हुए एसपी रामपुर को आदेश दिए हैं। आदेश में जया प्रदा को कोर्ट में हाजिर कराने के लिए कहा गया है।
अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि जया प्रदा के दोनों जमानतीयों को भी नोटिस जारी किया गया है। अब जया प्रदा को एसपी रामपुर कोर्ट में हाजिर कराएंगे। वहीं अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि जया पक्ष की ओर से रिकॉल प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसपर उनके द्वारा आपत्ति लगाई गई। आपत्ति के आधार पर न्यायालय ने रिकॉल खारिज कर दिया।