नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की ओर से दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 10 जनवरी 2024 तक फैसला करें।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शिवसेना के ठाकरे गुट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई की और अध्यक्ष के अनुरोध पर फैसले के लिए उन्हें अतिरिक्त 10 दिनों का समय दिया।
पीठ ने कहा कि पहले निर्धारित समय सीमा को ध्यान में रखते हुए हम अध्यक्ष को फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी 2023 तक का समय विस्तार देते हैं। शीर्ष अदालत ने महसूस किया कि अध्यक्ष ने उचित समय विस्तार की मांग की है, क्योंकि उन्होंने संकेत दिया है कि दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के तहत कार्यवाही 20 दिसंबर को बंद कर दी जाएगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आज पीठ के समक्ष कहा कि अध्यक्ष ने कहा है कि 20 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रखा जाएगा और आगे कोई समय नहीं लिया जाएगा। मेहता ने कहा कि अध्यक्ष ने विधानसभा सत्र के दौरान भी सुनवाई की।
पीठ ने 30 अक्टूबर को अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे और उनका समर्थन करने वाले अन्य बागी विधायकों के खिलाफ शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक फैसला करें।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों पर आपत्ति जताई, क्योंकि अध्यक्ष ने फैसला सुनाने के लिए तीन सप्ताह का विस्तार मांगा था। इस पर मेहता ने अपनी ओर से कहा कि हम और अधिक समय नहीं मांगेंगे।