सूरत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी पाने वाला सूरत एक तरह से देश का इकलौता शहर है।
मोदी ने गुजरात में दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस हब ‘सूरत डायमंड बोर्स’ (एसडीबी) के उद्घाटन अवसर पर रविवार को कहा कि आप सभी का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए सरकार सूरत शहर का भी सामर्थ्य और बढ़ा रही है। हमारी सरकार सूरत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष बल दे रही है।
आज सूरत के पास अपना इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, अपनी मेट्रो रेल सर्विस है, सूरत पोर्ट पर कितने ही अहम प्रॉडक्ट्स की हैंडलिंग होती है। सूरत के पास हजीरा पोर्ट है, गहरे पानी का एलएनजी टर्मिनल और मल्टी-कार्गो पोर्ट है। सूरत, लगातार अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक केंद्रों से जुड़ रहा है। ऐसी इंटरनेशनल कनेक्टिविटी, दुनिया के बहुत कम शहरों में ही है।
उन्होंने आगे कहा कि सूरत को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से भी जोड़ा गया है। यहां वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है। इससे उत्तर और पूर्वी भारत तक, सूरत की रेल कनेक्टिविटी सशक्त होगी। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे भी सूरत के व्यापार-कारोबार को नए अवसर देने वाला है।
ऐसी आधुनिक कनेक्टिविटी पाने वाला सूरत, एक तरह से देश का इकलौता शहर है। आप सभी इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाइए। सूरत आगे बढ़ेगा, तो गुजरात आगे बढ़ेगा और गुजरात आगे बढ़ेगा तो मेरा देश आगे बढ़ेगा। इसके साथ और अनेक संभावनाएं जुड़ी हुई हैं। इतने देशों के लोगों का यहां आना-जाना यानी एक प्रकार से ये ग्लोबल सिटी के रूप में कन्वर्ट हो रहा है, लघु भारत तो बन चुका है।
अभी जब जी-20 समिट हुई तो हमने कम्युनिकेशन के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया। ड्राइवर हिंदी जानता है, उसके साथ बैठे हुए मेहमान फ्रेंच जानते हैं, तो बात कैसे करेंगे? तो हमने मोबाइल ऐप के द्वारा व्यवस्था की, वो फ्रेंच बोलते थे और ड्राइवर के हिंदी में सुनाई देता था। ड्राइवर हिंदी बोलता था, उसको फ्रेंच में सुनाई देता था। मैं चाहूंगा कि हमारे इस डायमंड बुर्स में विश्व भर के लोग आने वाले हैं, लैंग्वेज की दृष्टि से कम्युनिकेशन के लिए आपको जो मदद चाहिए, भारत सरकार जरूर आपको मदद करेगी। एक मोबाइल फोन, मोबाइल ऐप के द्वारा भाषिनी ऐप के द्वारा इस काम को हम सरल करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री जी को भी सुझाव दूंगा कि यहां जो नर्मद यूनिवर्सिटी है। वे भिन्न-भिन्न भाषाओं में इंटरप्रिटर तैयार करने के लिए कोशिश शुरू करें और यहां के बच्चों को ही दुनिया की अनेक भाषाओं में इंटरप्रिटेशन आए ताकि जो व्यापारी आएंगे तो इंटरप्रिटर का बहुत बड़ा काम हमारी युवा पीढ़ी को मिल सकता है। ग्लोबल हब बनाने की जो जरूरतें होती हैं, उसमें कम्युनिकेशन एक बहुत बड़ी आवश्यकता होती है। आज टेक्नोलॉजी बहुत मदद कर रही है, लेकिन साथ-साथ ये भी आवश्यक है। मैं विश्वास करता हूं कि बहुत ही जल्द सूरत में नर्मद यूनिवर्सिटी के द्वारा या कोई और यूनिवर्सिटी के द्वारा लैंग्वेज इंटरप्रिटर के रूप में भी हम कोर्सेज आरंभ कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर आप सब को सूरत डायमंड बुर्स की और सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अगले महीने वाइब्रेंट गुजरात समिट भी होने जा रहा है। मैं इसके लिए भी गुजरात को अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं और गुजरात का ये प्रयास देश को भी काम आ रहा है और इसलिए मैं गुजरात को विशेष रूप से बधाई देता हूं। आप सब इतनी बड़ी तादाद में विकास के इस उत्सव को आज मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं, देखिए कितना बड़ा परिवर्तन आ गया है।
देश का हर व्यक्ति विकास के प्रति प्रतिबद्ध होता जा रहा है, ये भारत के लिए आगे बढ़ने का सबसे बड़ा शुभ संकेत है। मैं फिर एक बार वल्लभ भाई और उनकी पूरी टीम को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे पता है, अगर बीच में कोविड की समस्या न आई होती तो शायद ये काम हम और जल्दी पूरा कर देते। लेकिन कोविड के कारण कुछ कामों में रुकावट रही थी। लेकिन आज ये स्वप्न पूरा देख करके मुझे बहुत आनंद हो रहा है।