मुंबई। बम्बई उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत की उस याचिका पर अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा को नोटिस जारी किया है, जिसमें शर्लिन द्वारा उनके खिलाफ मानहानि और शील भंग करने का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति प्रकाश डी नाइक और न्यायमूर्ति नितिन आर बोरकर की पीठ ने राखी को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने से भी छूट दे दी। राखी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि साथी मॉडल ने बदले की भावना से उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए झूठे आरोप और अपमानजनक बयान न केवल व्यक्तिगत परेशानी का कारण बनते हैं, बल्कि राखी के एक बार के सफल करियर को भी बर्बाद कर देते हैं। यह स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता द्वेष रखता है और उसने बदले की कार्रवाई के रूप में झूठी प्राथमिकी दर्ज की है।
उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर, 2022 को अंबोली थाना ने राखी के खिलाफ मामला दर्ज किया और आरोप लगाया कि उन्होंने शिकायतकर्ता के कुछ वीडियो दिखाए और अपमानजनक बयान दिए। आगे यह भी आरोप लगाया गया कि मीडिया को दिखाया गया वीडियो यौन रूप से स्पष्ट था जिसके बाद, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है।