प्रयागराज। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू धर्म को लेकर विवादित बयान पर कहा कि भगवान उनको सदमार्ग पर चलने की सदबुद्धि दे।
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि श्रीराम लाखों-करोड़ों लोगों के आराध्य हैं। वह धार्मिक और ऐतिहासिक हैं। हिंदुस्तान में रहने वाला व्यक्ति हिंदू है और हिन्दू रहेगा। उन्होंने कहा कि वह धार्मिक व्यक्ति हैं, साधु समाज से संबद्ध है। उन्होंने कहा कि वह सभी के प्रति मंगल कामना और आशीर्वाद व्यक्त करते हैं, नसीहत नहीं। ईश्वर उनको सदबुद्धि दे।
विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले समाजवादी सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू धर्म को लेकर एक विवादित बयान में कहा है कि हिन्दू धर्म कोई धर्म नहीं है, यह धोखा है। जिसे हम हिन्दू धर्म कहते हैं वास्तव में वह कुछ लोगों के लिए धंधा है। इससे पहले भी वह रामचरित मानस को लेकर विवादित हुए थे।
श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने कहा कि भारत की जनता धार्मिक प्रवृत्ति की है। भगवान श्री राम धर्म स्वरूप हैं। वह धर्म के साक्षात विग्रह हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जन्मभूमि अयोध्या भूमि पर पिछले 500 वर्षों से विवाद चल रहा था। अयोध्या में बने प्राचीन मंदिर को बाबर के सिपहसालार मीरबाकी द्वारा ढ़हाकर बाबरी मस्जिद बनवाई थी। उसके बाद इसको लेकर अनेक संग्राम हुए, बड़ी संख्या में लोग शहीद हुए। उन्होंने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर विवादित भूमि रामलला की स्वीकृत हुई और लंबे समय से चल रहा विवाद समाप्त हुआ।
स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की सुकुमार बाल्यावस्था मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण पल का सारा देश प्रतीक्षा कर रहा है।